नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था ने आज बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रविवार 19 नवंबर को भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की जब उसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर (कुल 4,000,119,138,960) के आंकड़े को पार कर गया। इसके साथ ही हम दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बने हुए हैं। यह लैंडमार्क भारत के मजबूत आर्थिक ट्राजेक्टरी और उत्थान को दर्शाता है। यह दुनिया में तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत की स्थिति को रेखांकित करती है।
26,708,784,456,360 डॉलर के साथ अमेरिका जीडीपी के लिहाज से पहले स्थान पर बना हुआ है। वहीं 19,240,000,114,470 डॉलर के साथ चीन दूसरे, 4,391,255,819,569 डॉलर के साथ जापान तीसरे और 4,284,365,740,288 डॉलर के साथ जर्मनी चौथे स्थान पर बना हुआ है।
विकास की गति को देखते हुए, अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि भारत अगले चार सालों में, यानि 2027 तक दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और आने वाले दशकों में अमेरिका, चीन और भारत ही दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।
क्या है जीडीपी
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी देश में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है। आमतौर पर, किसी देश की जीडीपी को मापने के लिए एक वर्ष की अवधि का प्रयोग किया जाता है।
जीडीपी, किसी देश के आर्थिक स्वास्थ्य का व्यापक स्कोरकार्ड होता है। यह किसी देश के विकास और आर्थिक प्रगति की पहचान कराता है। जीडीपी वृद्धि दर किसी देश के आर्थिक प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। जीडीपी की गणना आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन करते हुए देश की राष्ट्रीय सांख्यिकीय एजेंसी द्वारा की जाती है। जीडीपी की गणना तीन प्रकार से की जाती है, व्यय, उत्पादन या आय का उपयोग करने के द्वारा।