अरुणाचल प्रदेश वन विभाग की वन्यजीव संरक्षण पहल ‘एयरगन सरेंडर अभियान’ को सोमवार को मलेशिया के सबा में बायोस्फीयर रिजर्व पर यूनेस्को के सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह अभियान राज्य के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री मामा नातुंग के नेतृत्व में मार्च में 2021 में शुरू किया गया गया था, ताकि पक्षियों और वन्यजीवों के शिकार को रोका जा सके और वन्यजीवों की हत्या के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
मंत्री की ओर से देहंग-देबांग बायोस्फीयर रिजर्व के निदेशक डॉ.दामोधर ने पुरस्कार प्राप्त किया। राज्य के वन अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उन्हें मलेशिया के पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन और जलवायु परिवर्तन मंत्री निक नजमी निक अहमद से यह मान्यता मिली।
डॉ.दामोधर को पर्यावरण, वन औ जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से देश की रिपोर्ट पेश करने और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सफलता की कहानी को साझा करने के लिए भारत से प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था। यह अभियान पक्षियों और अन्य वन्यजीवों के शिकार में उनके इस्तेमाल की जांच करने के लिए एयरगन और लाइसेंस प्राप्त बंदूकों के स्वैच्छिक आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करता है।
कार्यक्रम का आधिकारिक उद्घाटन 17 मार्च, 2021 को पूर्वी कामेंग जिले के लुमदुंग में किया गया था, जहां 46 एयरगन को आत्मसमर्पण किया गया था, जिससे लुमदुंग अरुणाचल प्रदेश का पहला एयरगन-मुक्त गांव बन गया।