जैसलमेर। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास सोमवार को तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास ‘त्रिशक्ति प्रहार’ शुरू हुआ। जैसलमेर के रेगिस्तान में 13 दिन तक चलने वाले युद्धाभ्यास में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के करीब 30 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।
इसमें तीनों सेनाएं आपस में तालमेल स्थापित करते हुए अभ्यास कर रही हैं। ‘त्रिशक्ति प्रहार’ में भारतीय सेना अपनी नई टेक्नोलॉजी को भी परखेगी।
नए हथियारों की होगी टेस्टिंग
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए नई रणनीति के तहत अभ्यास किया जा रहा है, जिसमें नए हथियारों की टेस्टिंग भी की जाएगी। आर्मी के टी-90 एस और अर्जुन टैंक, हॉवित्जर, हेलिकॉप्टर और अन्य हथियार शामिल हैं। लड़ाकू विमान, अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे, हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और नेवी के विभिन्न विमान भी भाग लेंगे।
युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों में होगा अभ्यास
युद्धाभ्यास के दौरान खुफिया, निगरानी व टोही विमान से लंबी दूरी के हमले, सटीक हाई वॉल्यूम के हमलों से दुश्मन के छक्के छुड़ाने सहित यूनिफाइड वायु-भूमि और संयुक्त हथियार संचालन, तेज डायनैमिक व डीप स्ट्राइक आॅफेंसिव कैपेबिलिटी जैसी विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन होगा। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता भी परखी जाएगी। वर्तमान में कई नए हथियार हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक तकनीक पर काम करते हैं और युद्ध में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
ड्रोन की टेस्टिंग भी
बीते कुछ समय से चीन के साथ लगती सीमा पर विवाद के चलते यह युद्धाभ्यास महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ‘त्रिशक्ति प्रहार’ में विशेष रूप से पुणे स्थित वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी कमान की आॅपरेशनल कैपेबिलिटी और रेडिनेस का प्रदर्शन किया जाएगा। युद्धाभ्यास में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी/ड्रोन), सटीक-निर्देशित मिसाइल, लोइटर युद्ध सामग्री, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार प्रणाली और आॅटोमैटिक स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी स्पेशल टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की जाएगी।