मुंबई। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राज्य में बेहद विवादास्पद हो चुकी संविदा भर्ती जीआर को रद्द करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं, बल्कि फड़णवीस ने आरोप लगाया कि राज्य में संविदा भर्ती के लिए कांग्रेस, ठाकरे समूह और शरद पवार 100 प्रतिशत दोषी हैं। इसलिए, फड़नवीस ने जीआर रद्द करने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह पाप उन पर नहीं लगना चाहिए, इसलिए वे इस जीआर को रद्द कर रहे है।
बता दें कि शिंदे फडणवीस सरकार द्वारा चल रही संविदा भर्ती के खिलाफ विपक्ष ने मुद्दा उठाया है। आज देवेन्द्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया है। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने संविदा भर्ती को लेकर उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने संविदा भर्ती के लिए पहला जीआर जारी कर दिया है। ठेकेदारी का पाप कांग्रेस और एनसीपी पर है और अब वे खुद ही इसका विरोध कर रहे हैं। संविदा भर्ती कांग्रेस और एनसीपी का पाप है। उनके पाप का बोझ हमारी सरकार क्यों उठाए? यह सवाल पूछकर देवेंद्र फडणवीस ने संविदा भर्ती रद्द करने की घोषणा कर दी है।2014 में चव्हाण ने अनुबंध भर्ती की थी
वर्ष 2014 में जब पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे, तब एमसीए, डाटा एंट्री आॅपरेटर आदि विभिन्न पदों के लिए अनुबंध भर्ती जीआर जारी किया गया था। 1 सितंबर 2021 को जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब संविदा भर्ती के लिए जीआर जारी किया गया था, 15 साल के लिए संविदा भर्ती के लिए एक एजेंसी बनाई गई थी। हमारी सरकार आने के बाद मैंने देखा कि एजेंसी का रेट ज्यादा है। संविदा भर्ती कांग्रेस ने शुरू की थी और अब इसका विरोध कर रही है। संविदा भर्ती रद्द करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि हमारी सरकार उनके पाप का बोझ नहीं उठाएगी।
कांग्रेस ने निकाला था संविदा भर्ती का पहला जीआर
फडणवीस ने जानकारी देते हुए कहा कि संविदा भर्ती को लेकर पहला जीआर 13 मार्च 2003 को जारी किया गया था। तत्कालीन कांग्रेस और शरद पवार की सरकार में संविदा भर्ती की गई थी। साल 2010 में अशोक चव्हाण ने पहला जीआर निकाला था। 6000 संविदा पदों का जीआर जारी किया गया। कांग्रेस और शरद पवार के एनसीपी काल में संविदा शिक्षा भर्ती का जीआर निकाला गया था।