नागपुर। नागपुर पुलिस ने राज्य के सबसे चर्चित सनसनीखेज 58 करोड़ की आॅनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी के मामले में शुक्रवार को बड़ी सफलता हासिल की. पुलिस ने भंडारा में एक और गोंदिया में 6 समेत 7 जगहों पर छापेमारी की, जिसमें 2.04 किग्रा सोना और 70 लाख रुपये की नगदी जब्त की गई.
सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद बीते सोमवार को सरेंडर करने वाला मुख्य आरोपी सोंटू उर्फ अनंत नवरत्न जैन पुलिस हिरासत में है. सूत्रों के अनुसार, सोंटू द्वारा पुलिस के पास जमा कराए गए मोबाइल ने अब राज उगलने शुरू कर दिए हैं.
शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि यह रकम गोंदिया के डॉ. गौरव बग्गा के घर से जब्त की गई है. इसके अलावा पुलिस ने गोंदिया में 5 और ठिकानों के अलावा एक बैंक मैनेजर के यहां भी छापेमारी की. हालांकि भंडारा में कुछ खास नहीं मिला.
छापेमारी के बाद सोंटू, बैंक मैनेजर अंकेश खंडेलवाल, डॉ. गौरव बग्गा, डॉ. गरिमा बग्गा, सोंटू का भाई धीरज जैन, धीरज की पत्नी श्रद्धा, सोंटू की मां कुसुमदेवी और अन्य शामिल लोगों के खिलाफ नया मामला दर्ज किया गया है. हालांकि गिरफ्तारी केवल खंडेलवाल, डॉ. बग्गा और बंटी कोठारी की हुई है.जांच में अहम मोड़
जांच में उस वक्त अहम मोड़ आ गया जब सोंटू के मोबाइल से पुलिस ने कॉल रिकार्डिंग हासिल की. सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि सोंटू ने मोबाइल से सारा डेटा मिटा दिया था. लेकिन पुलिस ने हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए करीब 200 मिनट की 8 कॉल रिकॉर्डिंग सहित कुछ जानकारी फिर से हासिल कर ली. ये कॉल रिकार्डिंग सोंटू, गोंदिया के एक्सिस बैंक के मैनेजर अंकेश खंडेलवाल और रेडियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बग्गा के बीच की थी.
सीपी ने कहा कि शहर पुलिस ने जैन परिवार के नाम पर पंजीकृत 4 लॉकर खोलने के लिए 27 जुलाई को एक्सिस बैंक को नोटिस दिया था. नोटिस मिलने पर मैनेजर खंडेलवाल ने सोंटू से संपर्क किया और इस बारे में जानकारी दी. सोंटू ने खंडेलवाल के साथ मिलकर डॉ. बग्गा को साजिश में शामिल किया. उन्होंने प्लानिंग की, जिसके तहत इसी ब्रांच में डॉ. बग्गा के नाम से 3 नए लॉकर खोले गए. फिर जैन परिवार के लॉकरों में रखी रकम को डॉ. बग्गा के नाम से खोले गए लॉकरों में रखना था. जैन परिवार के लॉकरों में से नकदी और सोने को इन नए लॉकरों में ठंूस-ठूंस कर रखा गया. इसके बावजूद खंडेलवाल और डॉ. बग्गा 4.54 करोड़ रुपये का सोना और नकदी निकालने में असमर्थ रहे. पुलिस बाकी रकम एक अगस्त को जब्त कर चुकी थी.
नगदी, सोना डॉ. बग्गा के लॉकरों में रखा
जैन परिवार की नगदी और सोने के गहनों को सफलतापूर्वक डॉ. बग्गा के लॉकरों में रखने के बाद, खंडेलवाल और डॉ. बग्गा ने 30 जुलाई से पहले बाकी कीमती सामान एक व्यक्ति को सौंप दिया. पुलिस को दिए बयान में खंडेलवाल ने खुलासा किया कि उन्होंने सोंटू जैन के निर्देश पर एक नकाबपोश व्यक्ति को सोने और नकदी से भरे 3 बैग दिए थे. सोंटू ने पुलिस को बताया कि तीनों बैग गोंदिया से बंटी कोठारी को मिले थे. हालांकि, कोठारी ने इस डील में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
सीपी अमितेश ने बताया कि, इस पूरी हेराफेरी के लिए सोंटू ने खंडेलवाल को 4 करोड़ रुपये का कमीशन देने का वादा किया था, जबकि डॉ. बग्गा को उनकी संलिप्तता के लिए 2 करोड़ रुपये का आश्वासन दिया गया था. हालाँकि, एक कॉल रिकॉर्डिंग से पता चला कि बैंक लॉकर से पूरा सोना और नकदी स्थानांतरित करने में विफल रहने के कारण सोंटू ने खंडेलवाल को पूरा पैसा देने इनकार कर दिया था. खंडेलवाल ने उसे बताया कि ऐसा करना असंभव था, क्योंकि डॉ. बग्गा के लॉकर पहले से ही भरे हुए थे.
गौरतलब है कि विक्रांत अग्रवाल की शिकायत पर 21 जुलाई को सोंटू के खिलाफ 58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. अगले ही दिन शहर पुलिस ने सोंटू के गोंदिया स्थित घर पर छापेमारी करके 26.39 करोड़ रुपये की नकदी और सोना जब्त किया था. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी पुलिस ने 1 अगस्त को सोंटू और उनके परिवार से जुड़े लॉकरों को खोला, जिसमें 4.54 करोड़ रुपये की नकदी और सोना बरामद किया था. इस मामले में पुलिस अब सोंटू जैन को भागने में मदद करने वाले सभी लोगों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।