साइबर ठगी में इन दिनों टास्क फ्राड का ट्रेंड चल रहा है. लोगों को घर बैठे पैसा कमाने का लालच देकर साइबर ठग लाखों का चूना लगा रहे हैं. इसी तरह एक भारती नामक महिला को साइबर अपराधियों ने 10 लाख का चूना लगाया गया.
शिकायत मिलते ही साइबर पुलिस स्टेशन ने जांच शुरू की और आरोपी के खाते में जमा रुपये फ्रीज करवा दिए. पुलिस की तत्परता से पीड़ित महिला को अपना पैसा वापस मिल गया फ़रियादी महिला के मोबाइल पर तीन महीने पहले एक मैसेज आया, जिसमें घर बैठे काम कर पैसा कमाने की जानकारी दी गई थी. उन्होंने आरोपी से व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया. शुरुआत में आरोपी ने उन्हें सोशल मीडिया पर लाइक, सब्सक्राइम और रिव्यू देने के अलग-अलग टास्क दिए. काम पूरा होते ही खाते में रकम जमा हो जाती थी. इससे महिला को आरोपी पर विश्वास हो गया.
आरोपी ने उन्हें अपनी कंपनी में पैसा निवेश करके प्रिमियम टास्क पूरे करने और ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच दिया. समय-समय पर महिला ने 10 लाख रुपये जमा किए. इसके बाद आरोपी ने उन्हें टास्क और पैसा देना बंद कर दिया. महिला ने समय गवाएं बिना एनसीसीआरपी पोर्टल पर शिकायत की. इसकी जानकारी मिलते ही साइबर पुलिस स्टेशन ने तकनीकी जांच कर मनी ट्रेल का पता लगाया. सीडीआर की जांच की और बैंक से पत्र व्यवहार कर आरोपी का खाता फ्रीज करने को कहा.
आरोपी के खाते पैसे फ्रीज़ होने से सारे व्यवहार बंद हो गए. बैंक को धोखाधड़ी की जानकारी दी गई और 3 महीनों के बाद न्यायालय के सुपुर्दनामें के बाद. बैंक ने ठगी की 10 लाख की रकम उसके खाते में ट्रांस्फर कर दी. डीसीपी अर्चित चांडक के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर अमित डोलस, सब इंस्पेक्टर केतकी जगताप, कांस्टेबल रेखा यादव ने कार्रवाई को अंजाम दिया.