रामेश्वरम। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर भारत ने इतिहास रचा है। भारत की इस कामयाबी का लोहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी माना है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि नासा के वैज्ञानिकों ने भारत से टेक्नोलॉजी मांगी है।
जब हमने चंद्रयान-3 डेवलप किया तो नासा-जेपीएल (जेट प्रपुल्शन लेबोरेटरी) के वैज्ञानिकों को बुलाया। ये वैज्ञानिक दुनिया के कई रॉकेट और कई कठिन मिशनों को अंजाम दे चुके हैं।
नासा-जेपीएल से 5-6 लोग इसरो हेडक्वार्टर आए थे। हमने उन्हें समझाया कि कैसे 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। हमने उन्हें अपनी डिजाइन समझाई। ये भी बताया कि हमारे इंजीनियर्स ने इसे कैसे बनाया। इन सब बातों को सुनकर वे इतना ही बोले, नो कमेंट्स। सब कुछ अच्छा ही होने वाला है।
सोमनाथ ने ये बातें रविवार 15 अक्तूबर को रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा- भारत एक ताकतवर देश है। हमारा ज्ञान और इंटेलिजेंस लेवल दुनिया के बेस्ट देशों में से एक है।