मुंबई. राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर विधायक संजय गायकवाड़ ने बड़ा दावा किया है। बुधवार को उन्होंने बताया कि शिंदे को मारने की साजिश की गई थी। साथ ही उन्होंने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे पर भी शिंदे को सुरक्षा नहीं देने के आरोप लगाए। साल 2022 में शिवसेना में बगावत के बाद शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गायकवाड़ का कहना है कि अगर शिंदे ने उद्धव ठाकरे को नहीं छोड़ा होता, तो वह आज जिंदा नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘गढ़चिरोली के संरक्षक मंत्री के तौर पर शिंदे ने नक्सलियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। इसके उन लोगों ने शिंदे को मारने की धमकी थी। सरकार ने तब तत्कालीन गृहमंत्री शंभूराज देसाई के आवास पर बैठक बुलाई थी।’
उन्होंने आगे बताया, ‘तब तय हुआ कि शिंदे को जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी और उनके परिवार को जेड सुरक्षा मिलेगी।’ विधायक ने कहा, ‘लेकिन तब के सीएम ठाकरे ने देसाई से जेड प्लस सुरक्षा देने के लिए मना कर दिया। इसका क्या मतलब है…। शिंदे को नक्सलियों के हाथों मरने दे दिया जाता? यह उन्हें मारने की साजिश थी।’
क्यों वापस ले लिया दशहरा रैली का आवेदन
शिंदे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना अपनी दशहरा रैली मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में आयोजित कर सकती थी, लेकिन सरकार के मुखिया के रूप में उन्होंने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से इस योजना पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया। उनका यह बयान सत्तारूढ़ शिवसेना द्वारा दादर स्थित प्रतिष्ठित मैदान में दशहरा रैली की अनुमति मांगने के लिए मुंबई नगर निकाय को प्रस्तुत अपना आवेदन वापस लेने के कुछ घंटों बाद आया था।