मुंबई. मुंबई नगर निगम ने 24 अक्तूबर को उद्धव ठाकरे गुट को दशहरा शिवाजी पार्क में दहशरा सभा करने की अनुमति दे दी है. इस दिन शिव सेना पार्टी की परंपरा के अनुसार दशहरा मिलन समारोह आयोजित किया जाता है. शिवसेना के ठाकरे समूह को मुंबई नगर निगम ने मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क में दशहरा सभा आयोजित करने की अनुमति दे दी है शिवसेना के ठाकरे समूह के प्रमुख उद्धव ठाकरे दर्शकों को संबोधित करेंगे, तो 24 अक्तूबर को एक बार फिर मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में उद्धव ठाकरे की तोप चलेगी, लेकिन पिछले साल की तरह इस साल शिंदे गुट के साथ घमासान होने के आसार नहीं हैं, क्योंकि शिंदे गुट ने आवेदन वापस ले लिया है.
दादर के शिवाजी पार्क में दशहरा सभा आयोजित करने के लिए ठाकरे समूह द्वारा मुंबई नगर निगम को एक आवेदन दिया गया था. उद्धव ठाकरे गुट के आवेदन के बाद मुंबई नगर निगम ने ठाकरे समूह को दशहरा सभा की अनुमति दे दी है.
पिछले साल शिवाजी पार्क में शिव सेना का ठाकरे गुट और शिंदे गुट दोनों ही सभा करना चाहते थे. ऐसा आवेदन दोनों तरफ से किया गया था. लेकिन शिंदे गुट ने अपना आवेदन वापस ले लिया. इससे ठाकरे समूह को दशहरा सभा की अनुमति मिलने का रास्ता साफ हो गया. अब यह तय हो गया है कि उद्धव ठाकरे गुट की सभा अब शिवाजी पार्क में ही होगी.
शिव सेना दो गुटों में बंट गई
बता दें कि दशहरा सभा शिव सेना पार्टी की परंपरा है. महाराष्ट्र में पिछले कई सालों से दशहरा सभा का आयोजन हो रहा है. पिछले साल शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी. पिछले साल एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का साथ देने का फैसला किया था. उसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था. इसके बाद ही एकनाथ शिंदे ने शिवाजी पार्क में ही सभा करने का ऐलान किया था.
पिछले साल भी उन्होंने यहां सभा करने के लिए आवेदन किया था. लेकिन इजाजत नहीं मिलने पर आखिरकार उन्होंने बांद्रा के बीकेसी मैदान में दशहरा सभा आयोजित की थी. पिछले साल शिवसेना में विभाजन हुआ था. उसके बाद यह उनकी पहली दशहरा सभा थी.
पिछले साल दशहरा सभा को लेकर मचा था घमासान
पिछले साल हुई दशहरा सभा में एकनाथ शिंदे की बगावत पर उद्धव ठाकरे ने जमकर हमला बोला था. एकनाथ शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे पर हमला बोला. अब राज्य की नजर इस बात पर है कि ये दोनों नेता इस दशहरा मेले में क्या बोलेंगे.
बता दें कि दशहरा के दिन शिव सेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के समय से शिव सैनिकों की सभा की परंपरा रही है. इस दिन शिव सेना के नेता शिव सैनिकों को पार्टी के कार्यक्रम से लेकर अन्य प्रोग्राम का ऐलान करते रहे हैं. यह सभा राज्य की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.