पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान अपनी दुआओं में हैदराबाद के क्यूरेटर को हमेशा याद करेंगे, जिन्होंने यहां बल्लेबाजी के लिए अनुकूल विकेट तैयार किया जिससे उन्हें शतक बनाने और उनकी टीम को विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली।
धार्मिक प्रवृत्ति के रिजवान ने 121 गेंद पर नाबाद 131 रन बनाए जिससे पाकिस्तान ने चार विकेट पर 345 रन बनाकर विश्व कप में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का नया रिकॉर्ड बनाया। रिजवान ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ मैं जब पहली बार इस मैदान पर उतरा तो उन्होंने (क्यूरेटर) मुझसे कहा ‘रिजवान आपको इस मैदान पर दो शतक बनाने चाहिए।’ मैं आज भी उनसे मिला। हम उनके लिए दुआ कर सकते हैं और आपको भी उनके लिए दुआ करनी चाहिए।”
पाकिस्तान की टीम दो सप्ताह तक हैदराबाद में रही और इस बीच उसने अपने दोनों मैच जीते। पाकिस्तानी टीम को यहां जिस तरह का समर्थन मिला उससे रिजवान को लगा जैसे वह रावलपिंडी में खेल रहे हों। रिजवान ने कहा,‘‘मुझे ऐसा लगा जैसे मैं रावलपिंडी में मैच खेल रहा हूं। जिस तरह से दर्शकों ने अपना प्यार दिया और उन्होंने केवल मेरा ही नहीं पूरी टीम का समर्थन किया। वह श्रीलंका की टीम का भी समर्थन कर रहे थे। मुझे बहुत खुशी है कि हैदराबाद के दर्शकों ने क्रिकेट का समर्थन किया तथा दोनों टीम का हौसला बढ़ाया।” रिजवान हैदराबाद के आतिथ्य सत्कार से अभिभूत थे। उन्होंने कहा,‘‘यहां का आतिथ्य सत्कार आपने देखा होगा। हम जब हवाई अड्डे पर पहुंचे तो वहां जरूर किसी ने तस्वीरें ली होगी। जैसा मैंने पहले कहा कि मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं रावलपिंडी के दर्शकों के सामने खेल रहा हूं। लाहौर का हमारा स्टेडियम बड़ा है और वहां बहुत सारे दर्शक आते हैं लेकिन आज ऐसा लगा जैसे पाकिस्तान रावलपिंडी में मैच खेल रहा है।”
रिजवान और एक अन्य शतकवीर अब्दुल्ला शफीक के बीच 176 रन की साझेदारी ने पाकिस्तान की जीत की नींव रखी। शफीक को फखर जमां की जगह टीम में लिया गया था और यह फैसला सही साबित हुआ। रिजवान ने कहा,‘‘यह टीम प्रबंधन और कप्तान का फैसला था। सीनियर खिलाड़ी होने के नाते हम सलाह दे सकते हैं।”