नई दिल्ली। अब देश में यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई की जगह हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेगुलेटिंग बॉडी होगी। इसे हायर एजुकेशन कमीशन आॅफ इंडिया (एचईसीआई) कहा जाएगा। इसका बिल जल्द ही पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा। ये जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को दी।
उन्होंने कहा कि ये बिल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी), आॅल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की जगह लेगा और सिंगल रेगुलेटिंग बोर्ड की तरह काम करेगा। लॉ और मेडिकल कॉलेजों पर ये लागू नहीं होगा।
एचईसीआई की तीन भूमिका होंगी
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि एचईसीआई रेगुलेशन, एक्रेडिटेशन और प्रोफेशनल स्टैंडर्ड को बनाए रखने का काम करेगा। वहीं, चौथा वर्टिकल यानी फंडिंग इसमें शामिल नहीं होगा। उसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक मंत्रालय के पास ही रहेगी।
2018 में ड्राफ्ट तैयार
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस बिल का ड्राफ्ट 2018 में ही तैयार किया जा चुका था। इसे पब्लिक डोमेन में भी रिलीज किया गया था, जिससे कि हायर एजुकेशन स्टेक होल्डर्स इस पर अपने इनपुट दे सकें। वहीं, 2021 में इसे पेश करने का इनिशिएटिव लिया गया। इसके बाद अब इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।