श्रीनगर. लद्दाख में माउंट कुन पर सोमवार को हिमस्खलन में भारतीय सेना के पर्वतारोहियों का समूह फंस गया। इस दुर्घटना में सेना के एक जवान की जान चली गई, जबकि तीन लापता हैं। लापता जवानों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (एचएडब्ल्यूएस) और सेना की आर्मी एडवेंचर विंग के लगभग 40 सैन्य कर्मियों की टुकड़ी माउंट कुन के पास ट्रेनिंग गतिविधियों में शामिल थी। इस तरह की प्रैक्टिस इस सीजन के दौरान मानक अभ्यास है, जिसका मकसद ट्रेन द ट्रेनर के हिस्से के रूप में एचएडब्ल्यूएस प्रतिभागियों के लिए पर्वतारोहण प्रशिक्षण देना है।
वहीं, तिब्बत के एक पर्वत के ढलानों पर हिमस्खलन के बाद रविवार को एक अमेरिकी पर्वतारोही एना गुटू और नेपाल के गाइड मिंगमार शेरपा की मौत की पुष्टि हुई है। 2 लोग लापता भी हैं। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, तिब्बत के माउंट शिशपांगमा में शनिवार दोपहर 7600 मीटर (24,934 फुट) और 8 हजार मीटर (26,246 फुट) पर हिमस्खलन हुआ। इसमें नेपाली पर्वत गाइड कर्मा गेलजेन शेरपा भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उन्हें बचाव कर्मी पर्वत से नीचे लेकर आए हैं और उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर है। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और इटली समेत विभिन्न देशों के कुल 52 पर्वतारोही पर्वत पर चढ़ने की कोशिश में थे लेकिन वहां हिमस्खलन हो गया था।
राजौरी में बारूदी सुरंग में धमाका, सेना के 2 पोर्टर घायल
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास बारूदी सुरंग में हुए धमाके में सेना के 2 पोर्टर घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि यह धमाका नौशेरा सेक्टर के सीमावर्ती कला क्षेत्र में शनिवार को हुआ जिसमें मंगियोते गांव के निवासी राजकुमार और अश्विनी कुमार घायल हो गए। उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें बिछाई जाती हैं और इन पर लगे निशान कई बार बारिश से धुल जाते हैं जिससे इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं।