शहडोल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को शहडोल के ब्यौहारी में कहा- मध्यप्रदेश बीजेपी-आरएसएस की लैबोरेटरी है। यहां मरे हुए लोगों का इलाज होता है। यहां बीजेपी के नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं। जो जानवरों को भी नहीं खिलाया जाता, वो सड़ा हुआ अनाज आपको देते हैं।
राहुल ने जातीय जनगणना कराने की बात दोहराते हुए कहा- हमारी सरकार बनी तो पहला काम जातीय जनगणना कराने का होगा।
चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद राहुल गांधी का ये पहला और 10 दिन के अंदर एमपी का दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 30 सितंबर को शाजापुर जिले के कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में जन आक्रोश रैली में शामिल होने आए थे।
राहुल के भाषण की खास बातें…
-आदिवासी अफसर 100 रु. में से सिर्फ 10 पैसे का निर्णय लेते हैं: अगर भारत सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो ओबीसी वर्ग के अफसर सिर्फ 5 रुपए का निर्णय लेते हैं। अब आप ये बताइए कि अगर भारत सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो आदिवासी अफसर कितने रुपए का निर्णय लेते हैं? आदिवासी अफसर 100 रुपए में से सिर्फ 10 पैसे का निर्णय लेते हैं। आदिवासी वर्ग का इससे बड़ा अपमान नहीं होगा।
-पीएम मोदी के मुंह में ‘आदिवासी’, लेकिन दिमाग में ‘वनवासी’ : पहले पीएम नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में वनवासी कहते थे। अब वे आदिवासी कहते हैं। मुंह से आदिवासी शब्द निकलता है, लेकिन दिल और दिमाग में वनवासी है। आदिवासी शब्द का मतलब हिंदुस्तान के वासी। यानी वे लोग, जो इस जमीन के मालिक थे। यहां पहले आए। वनवासी का मतलब है- आपका जमीन पर हक नहीं बनता। आप जंगल में रहते हो।