पांच राज्यों के विधानसभा और 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की चिंताएं बढ़ती नजर आ रही हैं। रविवार को घोषित लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) चुनाव के नतीजों में भाजपा के खाते में सिर्फ 2 सीटें ही आई हैं। जबकि, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस यानी एनसी गठबंधन में 22 सीटों पर जीत हासिल की है।
बड़े नेता हारे
चुनाव में भाजपा के बड़े नामों को भी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने पोयेन सीट से हाजी इनायत अली को मैदान में उतारा था, लेकिन एनसी उम्मीदवार मोहम्मद आमीन ने उन्हें 360 मतों के अंतर से हरा दिया। खास बात है कि निर्दलीय उम्मीदवारों में भी दो ने जीत हासिल की है। कारगिल में भाजपा की इस हार को बड़ा झटका माना जा रहा है।
भाजपा ने स्ताक्चे खंगराल और छा सीटों पर जीतने में सफलता हासिल की है। इस चुनाव में एक ओर जहां एनसी के खाते में 12 सीटें आईं। वहीं, कांग्रेस 5 सीटें जीतने में सफल रही। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘ये नतीजे उन सभी ताकतों और दलों के लिए संदेश हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से लोगों की मर्जी के बगैर बांट दिया।’
भाजपा का बढ़ा है ग्राफ
भाजपा भले ही एलएएचडीसी में बड़ा प्रदर्शन करने में असफल रही हो, लेकिन बीते चुनाव के मुकाबले इस बार मामूली बढ़त हासिल करने में सफल रही है। साल 2018 में हुए चुनाव में यहां भाजपा ने सिर्फ एक ही सीट जीती थी। उस दौरान एनसी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और 10 सीटों पर जीत के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी।
पीडीपी को लगा था झटका
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी ने 2018 में 2 सीटें अपने नाम की थीं। हालांकि, 5 अगस्त 2019 के बाद दोनों ही पार्षद दल बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही भाजपा की संख्या 1 से बढ़कर 3 पर पहुंच गई थी। इधर, चार नामित पार्षद पहले भी भाजपा के साथ जुड़े हुए थे। लद्दाख की मौजूदा तस्वीर में पीडीपी की मौजूदगी नहीं है।
एलएएचडीसी चुनाव का गणित
एलएएचडीसी की कुल 30 सीटों में से 26 पर चुनाव हुए थे। कांग्रेस ने 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। जबकि, एनसी के मामले में यह आंकड़ा 17 पर था। दोनों ही दलों ने चुनाव से पहले ही गठबंधन का ऐलान कर दिया था। भाजपा ने यहां 17 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। आम आदमी पार्टी के 4 उम्मीदवार और 25 निर्दलीय भी किस्मत आजमा रहे थे।