नई दिल्ली. इजरायल ने हमास के आतंकी हमले के लिए सीधा-सीधा ईरान को जिम्मेदार ठहराते हुए दुनियाभर के देशों की मदद मांगी है। इजरायल का कहना है कि बिना ईरान की मदद के हमास इतनी हिम्मत नहीं कर सकता। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलन ने कहा कि आगे इस तरह के हमले को रोकने के लिए उसे भारत जैसे देशों का भी सपोर्ट चाहिए। बता दें कि हमास के अचानक किए गए आतंकी हमले में इजरायल के करीब 1100 लोग मारे गए हैं। इसके बाद इजरायल ने भी गाजा में भयंकर तबाही मचाई और 700 से ज्यादा लोग मारे गए।
इजरायली राजदूत ने कहा, यह स्पष्ट है कि ईरान हमले में शामिल था। हम जानते हैं कि ईरान आतंकियों को हथियार और प्रशिक्षण देता है। हमारे पास बहुत पुख्ता सबूत हैं। हम जानते हैं कि पहले भी कई बार ईरान ने हमास को आधुनिक हथियार मुहैया करवाए हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल मध्य एशिया में एक बड़ा परिवर्तन करना चाहता था। अरब देशों के साथ सहयोग बढ़ाकर शांति का प्रयास कर रहा था। उन्होंने कहा कि सभी देशों को इन कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। गिलन ने कहा कि भारत जैसे देश इस मामले में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल ने किसी खास क्षेत्र में कोई बड़ी मदद नहीं मांगी है। बस हमास के खिलाफ बोलने की जरूरत है।
गिलन ने कहा, भारत दुनिया का बेहद प्रभावी देश है इसलिए हमें भारत के दोस्तों के समर्थन की जरूरत है। हम जानते हैं कि आतंकवाद बहुत बडी समस्या है। यह हमारे लिए बहुत जरूरी है कि हम इसके खिलाफ मिलकर कार्रवाई करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही इस हमले की निंदा की थी और कहा था कि भारत इजरायल के साथ खड़ा है। गिलन ने कहा, हो सकता है कि आगे कभी बातचीत का रास्ता खुले लेकिन फिलहाल ऐक्शन लेने की जरूरत है।
आतंकी संगठनों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत
गिलन ने चीन की प्रतिक्रिया पर निराशा जताते हुए कहा कि उसने खुलकर इस हमले की निंदा नहीं की। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में ऐसे आतंकी संगठनों के खिलाफ सबको मिलकर खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है, उसका स्वरूप कोई भी हो सकता है। इसलिए उसकी निंदा करना और ऐक्शन लेना बहुत जरूरी है। गिलन ने यह भी कहा कि आतंकी संगठन ने बहुत सारे इजरायल के लोगों को बंधक बना लिया। बता दें कि इजरायल में लगभग 18 हजार भारतीय रहते हैं जिनमें 900 स्टूडेंट हैं।