मुंबई. मुंबई में बीएमसी फुटपाथ को यूरोप की तर्ज पर विकसित करने की कोशिश कर रही है। फुटपाथ पर बेसाल्ट के पत्थर लगाए जा रहे हैं, लेकिन फुटपाथ पर हॉकर्स के साथ गाड़ियों की अवैध रूप से पार्किंग एक बड़ी समस्या बन गई है। मुंबई शहर हो या पूर्वी-पश्चिम उपनगर, हर जगह फुटपाथ पर दोपहिया वाहनों की अवैध रूप से की गई पार्किंग दिखाई देती ही है। इस कारण मुंबई में सड़कों के साथ बने फुटपाथों पर राहगीरों के लिए चलना बहुत मुश्किल हो गया है। हालत यह है कि लगभग हर फुटपाथ पर अवैध रूप से वाहनों का कब्जा हो गया है। ऐसे में लोगों को सड़कों से होकर गुजरना पड़ रहा है। इससे बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। बता दें कि मुंबई में 1800 किमी लंबा फुटपाथ है, इनमें से कई फुटपाथ चलने योग्य भी नहीं हैं। माटुंगा, चेंबूर, बांद्रा और गोरेगांव के फुटपाथों की भी मरम्मत हुई है और सुशोभीकरण का कार्य किया गया है, लेकिन फुटपाथों पर गाड़ियों का कब्जा है। मुंबईकरों के लिए बीएमसी अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फुटपाथ बनाने जा रही है। प्रशासन ने 9 मीटर से चौड़ी सभी सड़कों के दोनों तरफ अच्छे फुटपाथ बना रही है। बीएमसी ने वर्ष 2023-24 के बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, लेकिन मुंबई में फुटपाथ पर फेरीवालों और गाड़ियों का अवैध रूप से कब्जा है।
पैदल चलना मुश्किल
मुंबई में एक अनुमान के मुताबिक फुटपाथ के करीब 30 प्रतिशत हिस्से पर फेरीवालों और 10 प्रतिशत हिस्से पर वाहनों की अवैध पार्किंग रहती है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुंबई में पैदल चलना कितना मुश्किल है। वहीं एक रिसर्च के मुताबिक मुंबई में 6 किमी के दायरे में करीब 900 गाड़ियां अवैध रूप से पार्क होती हैं।
जान जाने का खतरा
मुंबई में यात्रा करने वालों में से लगभग 51 प्रतिशत लोग पैदल चलते हैं। जो लोग बस या ट्रेन से यात्रा करते हैं, उन्हें भी अपनी यात्रा से पहले या अंत में पैदल चलना पड़ता है। मुंबई में जो लोग पैदल चलते हैं, वे फुटपाथ का इस्तेमाल करते हैं। फुटपाथ पर अवैध पार्किंग और हॉकर्स की वजह से मुंबई में सड़क दुर्घटना में होने वाली कुल मौतों में 47 प्रतिशत मौतें पैदल चलने वालों की होती हैं। महाराष्ट्र राज्य आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट – 2022-23 के अनुसार 2022 में मुंबई में 1773 दुर्घटनाओं में 272 लोगों की जान चली गई और 1620 लोग घायल हुए थे।
व्यस्त इलाके का हाल
पश्चिम उपनगर में मालाड सबसे व्यस्त इलाकों में से है, लेकिन मालाड स्टेशन के दोनों तरफ सड़कों के किनारे ऐसा लगता है कि फुटपाथ है ही नहीं। बात मालाड वेस्ट की करें तो कुछ समय पहले ही बीएमसी ने यहां सड़कों को चौड़ा करने के लिए तोड़क कार्रवाई की थी, लेकिन यहां फुटपाथ छोड़िए सड़कों पर गाड़ियों की पार्किंग रहती है। फुटपाथ पर हॉकर्स का पूरा कब्जा है, जो जगह बाकी है, वह दो पहिया वाहनों ने कब्जा कर रखा है।
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मुंबई में फुटपाथ के नियम
बीएमसी ने वर्ष 2014 में फुटपाथ पॉलिसी बनाई थी। नियम के मुताबिक मुंबई के फुटपाथ 90 फीट से अधिक चौड़ी सड़कों के लिए 3.3 मीटर के होने चाहिए। इसमें 1.8 मीटर पैदल यात्री क्षेत्र, 0.5 मीटर डेड जोन, और एक मीटर फर्नीचर क्षेत्र शामिल हैं। इनमें पेड़, बिजली के खंभे, इलेक्ट्रिक बॉक्स, ड्रैनेज, यूटिलिटी पोल्स, कूड़ेदान, बस स्टॉप आदि एक मीटर चौड़े फर्नीचर क्षेत्र में शामिल होते हैं। वहीं 60 फीट (18.28 मीटर) से कम चौड़ी सड़कों के लिए न्यूनतम 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ होना चाहिए।
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यह कैसी बदहाली
अंधेरी पश्चिम उपनगर के सबसे व्यस्त इलाकों में गिना जाता है। यहां गोखले ब्रिज बंद होने के कारण गाड़ियों को काफी घूम कर आना-जाना पड़ रहा है। अंधेरी ईस्ट में स्टेशन के बाहर बस स्टैंड और ऑटो स्टैंड है। यहां ज्यादातर फुटपाथ दुकानदारों और फेरीवालों के कब्जे में है। मेट्रो के नीचे, मनोज मोरे उद्यान, तेली गली सहित अन्य इलाकों में रोड और फुटपाथ साइड और फुटपाथ की खाली जगह पर गाड़ियों की पार्किंग रहती है। सर्विस रोड पर स्थिति और खराब है। यहां साकीनाका, खैरानी रोड, जेबी नगर, एमआईडीसी एरिया सहित अंधेरी-कुर्ला रोड पर फुटपाथ कहां है, यह ढूंढना पड़ता है।