नागपुर। एमआईडीसी थाने में दर्ज हत्या के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश आर.आर. भोसले के कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
पुलिस ने 12 सितंबर 2019 को जयताला निवासी अजिंक्य राजेश तेलगोटे (19) के खिलाफ हत्या और सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज किया था. 9 सितंबर 2019 को आरोपी अजिंक्य ने परिसर में ही रहने वाले अपने मित्र रोशन राजेश नगरारे (19) को फोन करके एसआरपीएफ कंपाउंड के पास मिलने बुलाया. अज्ञात कारणों के चलते झाड़ियों में ले जाकर उसके सिर पर लोहे की रॉड से वार कर मौत के घाट उतार दिया. बाद में उसका शव मलबे के नीचे दबाकर भाग गया.
2 दिन बाद उसका शव मलबे के नीचे दिखाई दिया. घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. एमआईडीसी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया. कॉल डिटेल्स से अजिंक्य का पता चला और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेश पोकले ने प्रकरण की जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया, जबकि सरकारी वकील एल. बी. घाड़गे इस मामले में आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुए.
न्यायालय ने अजिंक्य को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सबूत नष्ट करने के लिए भी उसे 4 वर्ष की सजा दी गई. बतौर पैरवी अधिकारी हेड कांस्टेबल नितिन सिरसाट और नरेश मन्नेवार ने अभियोजनपक्ष को सहयोग किया.