नई दिल्ली . पूरी दुनिया भारत की ग्रोथ देखकर दंग है. तमाम फाइनेंशियल एजेंसिया चाहे वो वर्ल्ड बैंक हो, या फिर आईएमएफ भारत की ग्रोथ को लेकर आश्वस्त हैं. चीन को हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने ग्रोथ के मोर्चे पर झटका दिया है. धीरे-धीरे बाकी देश भी ग्रोथ को लेकर झटका या तो खा रहे हैं या फिर खा चुके हैं. लेकिन इस बार वर्ल्ड बैंक की ओर से भारत को बड़ा झटका मिला है. ये झटका ग्रोथ के मोर्चे पर नहीं है, लेकिन महंगाई के मोर्चे पर है. वर्ल्ड बैंक की ओर से साफ संकेत दिए गए हैं भारत में महंगाई बढ़ सकती है. यहां तक कि बैंक की ओर अनुमान में 70 बेसिस प्वाइंट का इजाफा भी कर दिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वर्ल्ड बैंक की ओर से महंगाई को लेकर भारत को किस तरह की चेतावनी दी गई है.वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है और 6.3 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं महंगाई को लेकर चिंता जाहिर की है. वर्ल्ड बैंक ने भारत की महंगाई के अनुमान को 5.2 फीसदी से बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दिया. वर्ल्ड बैंक ने इंडिया ग्रोथ आउटलुक में कहा कि प्राइवेट कंजंप्शन ग्रोथ धीमी होने की संभावना है. इसका कारण बताते हुए वर्ल्ड बैंक ने कहा कि महामारी के बाद की गति अब स्लो होने की उम्मीद है.
साथ ही यूरोपीय यूनियन के अलावा प्रमुख बिजनेस पार्टनर्स में स्लो ग्रोथ की वजह से भारत के सामान की बाहरी डिमांड कम हुई है और एक्सपोर्ट में गिरावट देखने को मिली है. इससे पहले स्ट्रांग डॉमेस्टिक डिमांड की वजह से देश की इकोनॉमी पहली तिमाही में 7.8 फीसदी की स्पीड से बढ़ी थी. वर्ल्ड बैंक ने कहार कि अब डॉमेस्टिक डिमांड तो मजबूत रहेगी, लेकिप स्पीड कम रहेगी.
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार प्राइवेट कंजंप्शन ग्रोथ कम होने की संभावना है. महामारी के बाद डिमांड में कमी देखसने को मिली है. फूड इंफ्लेशन ने भी डिमांड को कम किया ळै. खासकर लो इनकम ग्रुप की ओर से डिमांड में गिरावट देखने को मिली है. वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में महंगाई उम्मीद से अधिक बढ़कर 5.9 फीसदी हो सकती है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6 फीसदी के टारगेट बैंड की अपर लिमिट के काफी करीब है.तेल है चिंता का सबब
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि मानसून के महीनों के दौरान असामान्य बारिश के कारण जुलाई 2023 में फूड प्राइस में बेतहाशा इजाफा देखने को मिला था. हालांकि अगस्त में इसमें कमी आई, लेकिन वित्तीय वर्ष बाकी महीनों के दौरान हेडलाइन महंगाई पर दबाव जारी रहने की उम्मीद है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तेल, भले ही 2022 के दौरान देखे गए हाई से कम है, फिर भी चिंता का विषय बना हुआ है. अगस्त में भारत की महंगाई मामूली कम होकर 6.8 फीसदी हो गई, जबकि जुलाई में यह 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.4 फीसदी पर थी. विशेषज्ञों का संकेत है कि सितंबर में इसमें और कमी आने की उम्मीद है.