जहां एक ओर भारत में महंगाई के कम होने के कयास लगाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर पड़ोसी देश पाकिस्तान में महंगाई 31 फीसदी के पार चली गई है, जो कि भारत के मुकाबले करीब 5 गुना ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 3000 रुपये के पार चले गए हैं. वास्तव में पाकिस्तान ने बेलआउट पैकेज के तहत आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए सितंबर के महीने में फ्यूल की कीमतों में इजाफा किया था. जिसके बाद देश में महंगाई चार महीने के बाद पहली बार बढ़ी है.
पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने ग्लोबल कीमतों में वृद्धि के कारण फ्यूल की लागत बढ़ा दी है और जुलाई में शुरू हुए बेलआउट प्रोग्राम को जारी रखने के लिए आईएमएफ की शर्तों के तहत गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की योजना बनाई है. इस कदम से लिविंग कॉस्ट में इजाफा होने की संभावना है. महंगाई से परेशान होकर पाकिस्तान में फिर से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भड़क सकता है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में एक साल पहले की तुलना में 31.26 फीसदी का इजाफा हुआ है. फूड कॉस्ट में 33.11 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. वहीं आवास, पानी और बिजली की कीमतों में 29.70 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.
देश के तेल और गैस नियामक प्राधिकरण (ओजीआरए) ने एलपीजी की कीमतों में 20.86 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा कर दिया है, जिसके बाद इसकी कीमत 260.98 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. इसके अलावा, घरेलू सिलेंडर की कीमत भी 246.16 पाकिस्तान रुपये बढ़ा दी गई. जिसके बाद पाकिस्तान में गैस सिलेंडर के दाम 3,079.64 रुपये पर आ गए हैं. डॉलर जमाखोरों और तस्करों पर हाल ही में सरकार की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को महंगाई से कुछ राहत मिल सकती है. इससे सितंबर में रुपये को दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बनाने में मदद मिली है और इंपोर्ट सस्ता हो सकता है.