जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों को बड़ी सौगात मिलेगी। इस बार चुनाव आयोग ने बुजुर्ग और दिव्यांग व्यक्ति को बड़ी राहत देते हुए अपने घर से ही वोट डालने की सुविधा देने की घोषणा की है। यह खुलासा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने राजनीति में आपराधिक तत्वों पर रोक लगाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत आपराधिक तत्वों को टिकट देने पर राजनीतिक दलों को सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देना होगा कि ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिया गया। चुनाव आयोग के इस बड़े कदम के चलते राजनीति में अपराध से जुड़े हुए लोगों पर रोक लगेगी।
17 लाख वोटर्स को मिलेगी घर बैठे वोट देने की सुविधा
चुनाव आयोग ने आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए दिव्यांग और 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग व्यक्तियों को बड़ी राहत दी है। इस दौरान ऐसे लोगों को घर बैठे वोट करने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए पोलिंग पार्टियां दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक आयु के करीब 17 लाख लोगों के घर जाएगी, जिससे इन लोगों को चुनाव आयोग के इस बड़े कदम का लाभ मिलेगा।
इसको लेकर गत दिनों राजस्थान में हुए कुछ उपचुनाव में दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को घर बैठे वोट देने के लिए सफल प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि इस प्रयोग में राजस्थान की सरदारशहर, धरियावद, राजसमंद, सुजानगढ़ और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में चिन्हित लोगों ने घर बैठे वोट किया।
घर से वोट करने के लिए मतदाताओं को भरना होगा फॉर्म
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद चिन्हित मतदाताओं को घर बैठे वोट करने के लिए 5 दिन के अंदर ‘वोट फॉर होम’ की सुविधा पाने के लिए फॉर्म भरना होगा। इसके बाद चुनाव आयोग उनके घर से ही वोट डालने की व्यवस्था करेगा।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 80 साल से ऊपर के 1.18 लाख मतदाता है। वहीं 100 साल के ऊपर के 18,442 मतदाता है। इसके अलावा 40% से ज्यादा विकलांगता वालों को यह सुविधा दी जाएगी।