कोंढाली. कोंढाली वनपरिक्षेत्र के तहत घुबडी उपवन के धोतीवाड़ा के पास खापा (टांडा) में सोमवार की शाम 6 बजे भालू के हमले में खापा टांडा का एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया. इस घटना से पूरे इलाके किसानों तथा नागरिकों में दहशत का माहौल बना हुआ है. भालू द्वारा किसान पर हमले के घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को मिलते ही अधिकारी वन अमले के साथ घटनास्थल पहुंचकर घायल किसान को कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद शासकीय अस्पताल (मेडिकल कॉलेज) नागपुर रेफर किया किया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार काटोल तहसील के खापा टांडा शिवरा के किसान सुरेश बबन राठौड़ सोमवार शाम 4 बजे अपने कपास के खेत में गए थे. शाम पांच बजे वे खेत पर बैलों को चारा डाल रहे थे. इसी दौरान जंगल क्षेत्र से अचानक भालू अपने दो शावकों के साथ आया और किसानों पर पीछे से अचानक हमला कर दिया. भालू के हमले से बचने के लिए किसान भागकर सागौन के पेड़ पर चढ़ते समय सुरेश को भालू ने पिछे से कमर के नीचे काट लिया. भालू के हमले से सुरेश बबन राठोड़ चिल्लाया जिससे आस-पास के किसानों और ग्रामीणों ने भालू को भगाया. इस घटना की जानकारी घायल के प्रकाश राठोड़ ने कोंढाली वन परिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते को दी. सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते और ऑन-ड्यूटी वन अमले के उपवन क्षेत्रपाल सचिन सोनेवाने, वनरक्षक अप्सरा नेहावारे, राजेश्वर लाखाड़े, विष्णु सावंत, वनकर्मी तुकाराम राठोड़, बंडू राठोड़, वसंत राठौड़, किशोर कुसलकर, पुंडलिक सरोदे मौके पर पहुंचे और घायल का पंचनामा बनाया तथा घायल किसान सुरेश राठौड़ को कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. खापा-धोतिवाड़ा यह क्षेत्र बोर व्याघ्र अभयारण्य के बफर झोन के तहत आता है. यहां पहले से ही वाघ-तेंदुऐं का आतंक है. अब किसान पर भालू के हमले से यहां के किसानों, खेतिहर मजदूरों में भय का वातावरण बना हुआ है. वन विभाग द्वारा वन गश्त जारी है .किसान को वन विभाग की ओर से प्राथमिक उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष तायवाडे ने घायल किसान का प्राथमिक उपचार किया और आगे के इलाज के लिए घायल को मेडिकल कॉलेज नागपुर रेफर कर दिया. वनकर्मियों ने घायल किसान को वन विभाग की ओर से प्राथमिक उपचार दिलाया और इलाज के लिए प्राथमिक मदद कर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल घालय किसान का इलाज जारी है. यह जानकारी वन परिक्षेत्राधिकारी निशिकांत कपागते द्वारा दी गई.