नई दिल्ली. पहले सी-295 मध्यम सामरिक परिवहन विमान को सोमवार को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया, जिससे सेना की सरद तथा अन्य क्षमताओं में इजाफा होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में यहां हिंडन वायु सेना स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में सी-295 को वायु सेना में शामिल किया गया। इसके बाद रक्षा मंत्री सिंह ‘सर्व धर्म पूजा’ में शामिल हुए, जो सी-295 को वायुसेना में शामिल किए जाने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी वायुसेना और एयरबस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए। पहला सी-295 विमान वायुसेना की स्क्वाड्रन संख्या 11 में शामिल किया गया है। यह भारतीय वायु सेना के सबसे पुराने स्क्वाड्रन में से एक है और वर्तमान में वडोदरा वायु सेना स्टेशन में इसका बेस है। दो ‘स्लाइडिंग स्क्रीन’ के बाद विमान का अनावरण किया गया। इन स्क्रीन पर ’11 स्क्वाड्रन: पायनियर्स ऑफ सी-295 एमडब्ल्यू’ और ‘राइनोस: द ट्रेलब्लेजर्स ऑफ सी-295 एमडब्ल्यू’ लिखा था। नए विमान की तस्वीर भी दिखाई गई। एक सींग वाला गैंडा स्क्वाड्रन 11 का प्रतीक है। ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी’ ने पहला सी295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को 13 सितंबर को सौंपा था।भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से सरकार ने ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी’ के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 सी 295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था। ये विमान पुराने होते एवरो-748 बेड़े का स्थान लेंगे। यह विमान 20 सितंबर को वडोदरा पहुंचा था। कुछ दिन पहले ही स्पेन के दक्षिणी शहर सिवेले में इसे भारतीय वायु सेना को सौंपा गया था।
दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के तहत एयरबस सिविल स्थित अपने उत्पादन संयंत्र से ‘फ्लाई-अवे’ (उड़ान के लिये तैयार) स्थिति में पहले 16 सी 295 विमानों की 2025 तक आपूर्ति करेगा। इसके बाद शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में ‘टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड'(टीएएसएल) द्वारा वडोदरा में किया जाएगा। इन विमानों के हिस्सों का निर्माण हैदराबाद स्थित ‘मेन कॉन्सटिचुएंट एसेंबली’ सुविधा में पहले ही शुरू हो चुका है। इन हिस्सों को वडोदरा स्थित ‘फाइनल असेंबली लाइन’ भेजा जाएगा, जिसके नवंबर 2024 तक चालू हो जाने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में वडोदरा में सी 295 विमानों की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी। यह किसी निजी संघ द्वारा भारत में निर्मित किया जाने वाला पहला सैन्य विमान होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह विमान 5 से 10 टन वाला परिवहन विमान है जो कि कई मिशन को अंजाम दे सकता है। यह 11 घंटे लगातार उड़ान भर सकता है और बेहद कम जगह में भी लैंड कर सकता है। यह दिन और रात दोनों में बराबर क्षमता से काम कर सकता है। इसकी रफ्तार 480 किमी प्रति घंटे की है।सी 295 को एक बेहतर विमान माना जाता है
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) छह दशक से भी पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी 295 विमान खरीद रही है। सी 295 को एक बेहतर विमान माना जाता है, जिसका उपयोग अधिकतम 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर के सामरिक परिवहन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल उन स्थानों पर सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है, यहां मौजूदा भारी विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।