मंगलवार से प्रारंभ हो रहे गणेशोत्सव के अवसर पर महानगरपालिका ने तालाबों में गणेशजी की मूर्ति के विसर्जन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इससे गणेश-भक्तों की चिंता बढ़ गई है. मनपा ने भी कमर कस ली है और उसकी तैयारी पूर्ण हो चुकी है. मनपा आयुक्त और प्रशासक डॉ.अभिजीत चौधरी के निर्देशानुसार और अतिरिक्ति आयुक्त श्रीमती आचल गोयल के मार्गदर्शन में शहर के विभिन्न इलाकों में कुल 413 विसर्जन टैंकों की व्यवस्था की गई है.
पर्यावरण-पूरक गणेशोत्सव के लिए नागपुर महानगरपालिका द्वारा शहर के सभी तालाबों में गणेशजी की मूर्ति के विसर्जन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. विसर्जन के लिए मनपा की ओर से शहर के प्रमुख तालाबों के परिसर में और अन्य स्थानों पर 413 कृत्रिम टैंकों की व्यवस्था की गई है. शहर के फुटाला तालाब, अंबाझरी तालाब, सोनेगांव तालाब, गांधीसागर तालाब, पुलिस लाइन टाकली तालाब, सक्करदरा तालाब, नाईक तालाब के क्षेत्र में विसर्जन टैंक बनाए गए हैं.
इन विसर्जन टैंकों में 4 फुट अथवा उससे कम आकार की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा. 4 फुट से बड़े आकार की मूर्तियों के विसर्जन के लिए कोराडी तालाब परिसर में बड़े आकार के कृत्रिम टैंक का निर्माण किया गया है. इस टैंक में 4 फुट से अधिक आकार के गणेश जी की मूर्ति के विसर्जन की अनुमति मनपा की ओर से दी गई है.
इस बीच, डेढ़ दिन के गणपति की मूर्ति के विसर्जन के लिए 32 टैंक, तीन दिनों के गणपति की मूर्ति के विसर्जन के लिए 21 टैंक, पांच दिनों के गणपति की मूर्ति के विसर्जन के लिए 46 टैंक, सात दिनों के गणपति की मूर्ति के विसर्जन के लिए 44 टैंक और 9 एवं 10 दिनों के गणपति की मूर्ति के विसर्जन के लिए कुल मिलाकर 413 विसर्जन टैंकों की व्यवस्था की गई है. सभी विसर्जन स्थलों पर निर्माल्य कलशों की व्यवस्था भी रहेगी.