चीन को मात देने के लिए भारत खुद को तैयार कर रहा है. पिछले दो सालों में बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने रिकॉर्ड संख्या में 205 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं बनाने का काम किया था और इसमें 5100 करोड़ की लागत आई. आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2941 करोड़ रुपये की लागत से बीआरओ द्वारा निर्मित 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इन परियोजनाओं का निर्माण दस सीमावर्ती राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और उत्तरी/उत्तर-पूर्वी राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में किया गया है.
बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कहा कि अगले तीन-चार सालों में भारत चीन को मात दे देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार 3488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण तेजी से कर रहा है.
जम्मू-कश्मीर में बिश्नाह-कौलपुर-फूलपुर रोड पर 422.9 मीटर लंबे आरसीसी देवक ब्रिज का रक्षा मंत्री द्वारा उद्घाटन और 89 अन्य परियोजनाओं का ई-उद्घाटन किया गया. रक्षा मंत्री ने लद्दाख में बनने वाले न्योमा एयरफील्ड का ई-शिलान्यास भी किया. बता दें कि पिछले साल 2897 करोड़ रुपये की लागत से 103 बीआरओ बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं.
पिछले तीन वर्षों में सड़क और पुल निर्माण में बीआरओ की वृद्धि से कई महत्वपूर्ण और रणनीतिक परियोजनाएं पूरी हुई हैं, जिससे हमारे विरोधियों के मुकाबले हमारी रक्षा तैयारी मजबूत हुई है.
रिकॉर्ड समय में पूरी हुई परियोजनाएं
विशेष रूप से बीआरओ ने इन महत्वपूर्ण रणनीतिक परियोजनाओं का निर्माण रिकॉर्ड समय सीमा में पूरा किया और इनमें से कई परियोजनाओं का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक ही कार्य सत्र में किया गया है.
इन परियोजनाओं में से 26 लद्दाख में, 11 जम्मू-कश्मीर में, 05 मिजोरम में, 03 हिमाचल प्रदेश में, 36 अरुणाचल प्रदेश में,01-01 नागालैंड, राजस्थान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में और 02-02 सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में बनाई गई है.
ये सभी परियोजनाएं रक्षा बलों के लिए रणनीतिक महत्व रखती हैं और इससे सैनिकों, भारी उपकरणों और मशीनीकृत वाहनों को अग्रिम क्षेत्रों में तेजी से भेजने में मदद मिलेगी. इलाके में आर्थिक और सामाजिक विकास में भी गति आएगी.