सड़क मार्ग से मुंबई-पुणे आने-जाने वाले वाहन चालकों का सफर साल 2026 से और भी आरामदायक होने वाला है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे को ट्रैफिक मुक्त रखने के लिए दो अतिरिक्त लेन बनाने का निर्णय लिया गया है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) ने छह लेन के हाइवे को आठ लेन में कन्वर्ट करने का फैसला लिया है। देश के पहले कॉन्क्रीट हाईवे के विस्तार का एक प्रस्ताव एमएसआरडीसी ने सरकार के पास भेज दिया है।एमएसआरडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार से मंजूरी मिलने के एक वर्ष के भीतर ही विस्तार कार्य शुरू हो जाएंगे। आगामी तीन वर्ष में हाईवे पर दो और लेन तैयार करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2002 में 94.5 किमी लंबे इस हाइवे का निर्माण किया गया था। इससे केवल तीन से चार घंटे में ही पुणे-मुंबई का सफर पूरा हो पा रहा है। यहां से रोजाना 1.55 लाख वाहनों की आवाजाही होती है।
क्या होंगे फायदे मुंबई से नवी मुंबई की दूरी कम करने के लिए शिवड़ी-न्हावासेवा ट्रांस हार्बर लिंक प्रॉजेक्ट (एमटीएचएल) तैयार हो रहा है। 22 किमी. लंबा यह ब्रिज दक्षिण मुंबई से रायगढ़ जिले के चिर्ले तक बनेगा। एमटीएचएल के साथ ही सरकार ने मुंबई से पुणे तक वाहनों को सिग्नल फ्री मार्ग उपलब्ध करवाने की भी योजना तैयार की है। सरकार करीब 4.5 किमी. लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर भी बनाएगी। यह कॉरिडोर एमटीएचएल और मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे को जोड़ने का काम करेगा। एलिवेटेड रोड (एमटीएचएल) के चिर्ले इंटरचेंज से मुंबई -पुणे एक्सप्रेस वे के बीच होगा। ऐलीवेटेड कॉरिडोर के पूरा हो जाने पर शिवडी से होते हुए मुंबई- पुणे एक्सप्रेस वे तक आसान पहुंच हो सकेगी। वाहन तेजी से और कम समय में पहुंच सकेंगे। कम समय में अधिक गाड़ियों के पहुंचने से हाइवे पर ट्रैफिक की समस्या कई गुना बढ़ेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए भी मौजूदा हाइवे पर लेन की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया है। दूरी घटाने का भी चल रहा काम एक्सप्रेस वे की दूरी कम करने के लिए खोपोली एग्जिट के करीब वैकल्पिक मार्ग भी तैयार हो रहा है। मिसिंग लिंक प्रॉजेक्ट के पूरा होने से राज्य के दो बड़े शहरों की दूरी 6 किमी. तक घट जाएगी। एक्सप्रेस वे से सफर करने वाले वाहन चालकों का करीब 20 से 25 मिनट का समय बचेगा। मौजूद समय में हाइवे के खोपोली एक्जिट से सिंहगढ़ इंस्टिट्यूट के बीच की दूरी 19 किमी. है। यह मार्ग बन जाने के बाद 19 किमी. की दूरी घट कर 13.3 किमी. हो जाएगी। इस मार्ग पर एमएसआरडीसी दो टनल, 2 वाया डेक और 8 लेन तैयार करेगी।