सरकार ने सरकारी दफ्तरों का ‘कबड़’ बेचकर करीब 600 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। सरकारी कागजात, फाइलें, बेकार वाहन आदि इस बिक्री भी इस लिस्ट में शामिल की गई हैं। कुछ दिन पहले भारत ने चांद पर चंद्रयान-3 यान भेजा था। इसरो की तरफ से भेजे गए इस मिशन की लागत 600 करोड़ रुपए बताई गई, जबकि सरकार ने अपना कबाड़ बेचकर उस प्रोजेक्ट के बराबर पैसा जुटाया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के राजस्व के आंकड़े अगस्त तक के हैं। अगले माह अक्तूबर तक कबाड़ बेचकर मिली आय की रकम 1000 करोड़ की सीमा पार कर सकती है।
सरकार प्रशासनिक कार्यालयों में सफाई अभियान चला रही है। दूसरा अभियान 2अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक चलेगा। जिसका मुख्य लक्ष्य स्वच्छता है। यह अभियान प्रशासन में बचे हुए अलग-अलग कामों को कम करने के लिए आयोजित किया गया है। पिछले साल अक्तूबर में इसी तरह का आयोजन हुआ था। उस समय सरकार को 371 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
2021 में सरकार ने इस तरह का पहला सफाई अभियान चलाया। उसी साल अक्टूबर में रद्द किए गए कागजात से 62 करोड़ रुपये वसूले गए। विभिन्न सरकारी दफ्तरों की स्टील अलमारियां खाली कराना, सभी जब्त पुरानी गाड़ियों की नीलामी करना इस अभियान के एजेंडे में है। अब तक 31 लाख अनावश्यक सरकारी फाइलें कैबिनेट से हटाई जा चुकी हैं। पिछले दो साल में 185 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई गई है।
कार्यालयों में चला सफाई अभियान
के दूसरे दौर में अधिकारियों ने केंद्र सरकार के 1.01 लाख के पतों पर इस तरह का सफाई अभियान शुरू होगा। बता दें कि तीसरे चरण में करीब डेढ़ लाख दफ्तरों में सफाई अभियान का कार्य किया जाएगा। इस अभियान में सरकार के सभी विभाग हिस्सा ले रहे हैं।