महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘…आने वाले दिनों में राम मंदिर का उद्घाटन होगा…संभावना है कि उद्घाटन के लिए देशभर से कई हिंदुओं को बुलाया जाएगा और समारोह खत्म होने के बाद लोगों के लौटने पर वे गोधरा कांड जैसा कुछ कर सकते हैं।’ राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जनवरी 2024 में होने की संभावना है।
गौरतलब है कि 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों पर हमला किया गया था और उनके ट्रेन कोच में आग लगा दी गई थी।
राम मंदिर के उद्घाटन पर आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, ऐसा कुछ नहीं होना…उद्धव ठाकरे द्वारा ऐसी कल्पना करना बिल्कुल गलत, बचकाना और नासमझी है। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए। बाल ठाकरे की राम मंदिर के लिए जो भावना थी उसके विपरीत भावना उद्धव ठाकरे की हो गई है, क्योंकि वे कांग्रेस के साथ चले गए हैं, वे अब कांग्रेस वाली भाषा बोलने लगे हैं।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री कार्यालय से उनके आने की जब तक सूचना नहीं मिलती तब तक यह निश्चित नहीं है। जितने भी उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा के कार्य हैं, वह प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री के आगमन पर निर्भर करता है। यहां पूरी व्यवस्था की जा रही है, जितने भी श्रद्धालु आएंगे उनके रहने और भोजन की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
आचार्य दास ने कहा, सतपाल मलिक, प्रशांत भूषण, उद्धव ठाकरे, ये तीनों डराने का काम कर रहे हैं. तीनों ने ही इस तरह के बयान दिए हैं. तीनों बैठकर बोले हैं कि बीजेपी, आरएसएस दंगा कराएगी. इस प्रकार का कहना बिल्कुल गलत है, बाल भी बांका न हो, ऐसी सुरक्षा तैनात है. पत्ता भी नहीं हिलेगा, इस तरह की फोर्स लगी है.