मराठा आरक्षण और मनोज जरांगे पाटिल के आमरण अनशन पर कोई हल निकालने की दृष्टि से राज्य सरकार ने आज रात सर्वदलीय बैठक आयोजित की थी. दो घंटे चली बैठक मुंबई के सह्याद्री अतिथिगृह में संपन्न हुई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मराठा आंदोलनकारियों पर दाखिल सारे मामले वापस लिए जाएंगे. इस संबंध में अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं.
साथ ही बैठक ने भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे पाटिल के स्वास्थ्य पर चिंता जताई गई और उनसे अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की गई. इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. चर्चा के द्वारा मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा. बैठक में लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार तीन अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की गई. शिंदे ने भरोसा दिलाया कि ओबीसी समाज के आरक्षण को कम किए बगैर मराठा समाज को आरक्षण दिया जाएगा.
छत्रपति संभाजीराजे भोसले का बैठक से बाहर आए बैठक में पूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे भोसले भी उपस्थित थे. बैठक शुरू होने के 15 से 20 मिनट के बाद ही वे बैठक छोड़कर बाहर आ गए. संभाजीराव ने कहा कि उन्होंने अपना मुद्दा रखा, मगर उसे रिकॉर्ड में नहीं लिया गया, इसलिए वे बैठक से बाहर आ गए.संभाजीराजे ने सवाल किया कि सरकार हर साल केवल आश्वासन देती है. सर्वदलीय बैठक भी इससे पूर्व क्यों नहीं ली गई? उन्होंने कहा कि विशेष अधिवेशन का आयोजन कर ‘मराठा आरक्षण’ दिया जा सकता है क्या? इस पर भी विचार किया जाए.उन्होंने कहा कि यदि कानून के दायरे में कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जा सकता है तो ही दिया जाए. लोगों के साथ खेल न किया जाए. सरकार समाज को स्पष्ट रूप से बता दे. उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में तत्काल निर्णय करना चाहिए.राज्य सरकार भूमिका स्पष्ट करे : विजय वडेट्टीवार राज्य सरकार से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने की. मराठा आरक्षण समिति का गठन करें : दानवे विधानपरिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मांग की कि मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए मराठा आरक्षण समिति का गठन किया जाए और इस समिति का अध्यक्ष अजित पवार को बनाया जाए. ये नेता अनुपस्थित रहे इस सर्वदलीय बैठक में मराठा आरक्षण मंत्री उपसमिति के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल अनुपस्थित रहे. उसी तरह उपसमिति के पूर्व अध्यक्ष अशोक चव्हाण भी बैठक में उपस्थित नहीं थे. इसके अलावा विभिन्न दलों के नेता विनय कोरे, बच्चू कडू, जोगेंद्र कवाड़े, महादेव जानकर, हितेंद्र ठाकुर, रवि राणा, अशोक चव्हाण, नाना पटोले, गिरीश महाजन, शंभूराज देसाई, गुलाबराव पाटिल, जयंत पाटिल (शेकाप नेता) भी बैठक में हाजिर नहीं रहे. ये नेता उपस्थित रहे बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्री सर्वश्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, छगन भुजबल, गिरीश महाजन, दादा भुसे, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, विविध दलों के निमंत्रित छत्रपति संभाजीराजे भोसले, जयंत पाटिल, बालासाहेब थोरात, अनिल परब, राजेश टोपे, चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक राजू पाटिल, विनोद निकोले, सदाभाऊ खोत, राजेंद्र गवई, सुनील तटकरे, गौतम सोनवणे आदि उपस्थित थे.