महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को दोहराया कि सरकार मराठों को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उम्मीदों के विपरीत उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें कितना आरक्षण देने की योजना है।
परिणामों से स्पष्ट रूप से निराश होकर, जालना में आंदोलन कर रहे मराठा नेताओं ने घोषणा की कि वे सरकारी आदेश जारी होने तक अपना विरोध जारी रखेंगे।
इस बीच, मराठा आरक्षण को लेकर जालना में चल रहे आंदोलन पर लाठीचार्ज को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने माफी मांग ली है। इस मामले को लेकर सोमवार को कई घंटों तक सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इस मीटिंग में आंदोलनकारियों से बातचीत करने पर सहमति बनी।
फडणवीस ने पुलिस लाठीचार्ज के बाद ऐक्शन का बचाव किया था। इसके चलते लोग उन पर और भड़क गए थे।बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा
शिंदे ने कहा कि राज्य भर में मराठा आंदोलन, जालना में 1 सितंबर को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दु:खद पुलिस कार्रवाई, मराठा क्रांति मोर्चा के नेता मनोज जारांगे-पाटिल के बिगड़ते स्वास्थ्य और मराठा नेताओं के साथ मंत्रियों और अधिकारियों की चर्चा सहित कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। जारांगे-पाटिल से भी बात की : शिंदे
शिंदे ने घोषणा की, ‘मैंने आज जारांगे-पाटिल से भी बात की और उन्हें आश्वासन दिया है कि मराठों को आरक्षण दिया जाएगा और हम इस पर काम कर रहे हैं… कुछ रिकॉर्ड उपलब्ध हैं और अन्य पुराने रिकॉर्ड को पुन: प्राप्त करना होगा, जिसमें समय लगता है। हम कोटा देने के पक्ष में हैं और प्रतिबद्ध हैं।’ लाठीचार्ज करना गलत था : फडणवीस
डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि मैं लाठीचार्ज को लेकर माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा, ‘पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करना गलत था। मैं सरकार की तरफ से माफी मांगता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।’ गिरीश महाजन को जिम्मेदारी सौंपी
इस बीच, सीएम शिंदे ने भाजपा मंत्री गिरीश महाजन को जालना जाने और मराठा नेता जारांगे-पाटिल को सरकार का दृष्टिकोण बताने के लिए नियुक्त किया है।
विपक्षी दलों की भी आलोचना की मुख्यमंत्री शिंदे ने इस अवसर पर भ्रामक बयान देकर राज्य सरकार की छवि खराब करने का प्रयास करने वाले विपक्षी दलों की भी आलोचना की और मराठा समुदाय से ऐसे तत्वों के खिलाफ सतर्क रहने का आह्वान किया रविवार की बातचीत रही बेनतीजा
कल मराठा आंदोलनकारियों और सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रही. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने मनोज जारंगे से मुलाकात कर आंदोलन वापस लेने की अपील की थी.
अजित पवार, जिन्होंने विपक्ष की भी आलोचना की, ने घोषणा की कि अगर कोई यह साबित कर सकता है कि ‘हम तीनों’ (मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री) ने अंतरवली-सरती गांव में मराठा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के आदेश दिए थे, तो ‘मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’