वर्तमान में देश में जो चल रही है, वह राजनीति नहीं, बल्कि सत्तानीति है. वैसे सही मायने में देखा जाए तो नेताओं को सेवानीति, विकासनीति और समाजनीति पर ज़ोर देना चाहिए. इसके चलते आज के इस दौर में सचमुच में राजनीति की व्याख्या बदलने की ज़रूरत पैदा हो गई है. यह प्रतिपादन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया.
एकल महाविद्यालय के संदर्भ में नागपुर में आयोजित पत्र परिषद वे में बोल रहे थे. गडकरी ने कहा कि नेताओं को यह ध्यान में रखते हुए राजनीति करनी चाहिए, जिससे गरीब जनता का विकास हो. ऐसी राजनीति विकास से जुड़ी हुई होती है.
उन्होंने कहा, विदर्भ के दुर्गम इलाकों में रहने वाले आदिवासियों का जीवन आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक व स्वास्थ्य की दृष्टि से आसान बनाना ज़रूरी है. साथ ही एकलव्य एकल विद्यालय के माध्यम से आदिवासियों को शिक्षा के मूल प्रवाह में लाना भी आवश्यक है. इसके लिए कै. लक्ष्मणराव मानकर स्मृति संस्था को हर स्तर पर सहयोग किया जाना चाहिए.
कै. लक्ष्मणराव मानकर स्मृति संस्था के तत्वावधान में रेशमबाग स्थित महर्षि व्यास सभागृह में शिक्षक-पर्यवेक्षक प्रशिक्षण कक्षा चल रही है. इस कक्षा में 1016 शिक्षक और 124 पर्यवेक्षक मिलाकर कुल 1 हजार 140 लोग शामिल हुए हैं. गडकरी ने बताया कि 27 अगस्त की शाम 6 बजे इस प्रशिक्षण कक्षा का समापन होगा.
ज़रूरत पड़ी तो शिक्षकों को सहयोग करेंगे
गडकरी ने बताया कि कई गांवों में जिला परिषद अथवा अन्य शासकीय शालाओं के शिक्षकों को प्रशिक्षण अथवा सहयोग की आवश्यकता होती है. कै. लक्ष्मणराव मानकर स्मृति संस्था के माध्यम से ज़रूरत पड़ने पर ऐसे शिक्षकों को निश्चित रूप से सहयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एकलव्य एकल विद्यालय में विद्यार्थियों के बीच में स्कूल छोड़ने का प्रमाण शून्य है.
पत्र परिषद में संस्था के सचिव राजीव हडप, कोषाध्यक्ष अतुल मोहरीर, सदस्य धनंजय बापट, सुधीर दिवे, डॉ. सी. डी. मायी उपस्थित थे.