मोदी उपनाम मामले में राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है। इस रोक के बाद पूरी कांग्रेस पार्टी उत्साहित नजर आ रही है। सुको के फैसले के एक दिन बाद लोकसभा सचिवालय ने पुष्टि की कि उसे कांग्रेस पार्टी से दो पत्र मिले हैं। योग्यता के संबंध में राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने के फैसले से पहले इन सचिवालय को मिले इन पत्रों पर विचार किया जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल के बेहद करीबी जयराम रमेश ने कहा कि सूरत की अदालत की ओर से दोषी ठहराए जाने के 26 घंटे के भीतर राहुल को अयोग्यता का नोटिस जारी हुआ। उस समय सारी प्रक्रिया काफी तेजी से हुई थी। ऐसे में उनकी सदस्यता भी उसी रफ्तार से बहाल की जानी चाहिए।
कांग्रेसी नेताओं द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा सचिवालय के पदाधिकारी ने कहा- ‘दोनों स्थितियों की तुलना नहीं की जा सकती है। सत्र न्यायालय का आदेश कार्य दिवसों के दौरान आया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश शुक्रवार को आया था। लोकसभा सचिवालय शनिवार और रविवार को बंद रहता है। कांग्रेस के पत्रों की जांच सोमवार को की जाएगी। इसके बाद योग्यता के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।’
लोकसभा सचिवालय द्वारा दिए गए जवाब के बाद लगभग यह तय हो गया है कि राहुल गांधी लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास पर मंगलवार को शुरू होने वाली दो दिवसीय बहस से एक दिन पहले संसद में लौट सकते हैं। इसके बाद 10 अगस्त गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में जवाब देंगे।
बता दें कि इस प्रस्ताव से मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है। विपक्ष का मानना है कि वह मणिपुर में जारी जातीय हिंसा पर सरकार को घेरने की कोशिश के लिए इस अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस का इस्तेमाल करना चाहता है।