मानव जीवन को बचपन से ही मोहित करने वाला चंद्रमा हर दिन अपना बदलता रूप दिखाता है. विश्वभारती केंद्र के निदेशक प्रभाकर दोड ने बताया कि 1 अगस्त की आधी रात और 2 अगस्त की सुबह आसमान में ‘सुपरमून’ बड़े और चमकीले स्थान पर दिखाई देगा.
चंद्रमा पृथ्वी से तीन लाख 57 हजार किमी दूर है.जैसे-जैसे चंद्रमा दूरी पर होगा, यह आकार में बड़ा और चमकीला दिखाई देगा. एरावी चंद्रमा पृथ्वी से औसतन तीन लाख 84 हजार किलोमीटर की दूरी पर है. जो चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब आता है उसे सुपरमून कहा जाता है.
हमारा चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब है, इसलिए यह आकाश में सबसे तेज गति यानी 12 डिग्री पूर्व की ओर चलता है. दरअसल, चंद्रमा पश्चिम की ओर जाता हुआ प्रतीत होता है. प्रभाकर दोड ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि पृथ्वी अपने चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है.