नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गोविंद पसारी ने पूर्ण कमीटी और व्यापारियों को लेकर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस लिया तथा प्रेस के माध्यम से सरकार से निवेदन किया कि ऑनलाइन बेटिंग, गैंबलिंग व क्रिकेट सट्टे पर तुरंत रोक लगाए.
प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व अध्यक्ष चेंबर सीए कैलास जोगानी ने कहा कि ऑनलाइन गैंबलिंग इंटरनेट द्वारा बैटिंग व जुआ है. भारत में गैंबलिंग कानून बहुत ही कफ्यूज्ड है, जिसके अनुसार अगर बैटिंग में चांस रहा तो वह गैरकानूनी है और बैटिंग या गेम में िस्कल है तो वह कानूनी है. सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन रम्मी और कुछ खेलों को गैंबलिंग की परिभाषा से दूर रख कानूनन बताया.
ऑनलाइन एप्स से कई व्यापारी उद्योजक तथा आम जनता लाख-करोडो रूपया खो रही है. बच्चें व विद्यार्थी आत्महत्या कर रहे है. सरकार ने क्रिकेट सट्टा ऑनलाइन गैंबलिंग एप पर तुरंत रोक लगाना चाहिए.उन्होंने नागपुर के एक व्यापारी द्वारा 58 करोड़ रुपए हारने का जिक्र करते हुए कहा कि यह रुपया कई व्यापारियों की देनदारी होगी जो उस व्यापारी ने सट्टे में हार दी. ऑनलाइन गैंबलिंग से आर्गनाइज्ड अपराध बढते है. जैसे वसूली, मर्डर, दादागीरी व अन्य असमाजिक अपराध व गतिविधियां.
जोगानी के अनुसार महाराष्ट्र में गैंबलिंग कानून बहुत ढीला है, जिसमें सिर्फ 200 रु. का जुर्माना और 1 माह की कैद है. जिसके चलते महाराष्ट्र और विदर्भ में गैरकानूनी जुआ व सट्टा बड़े प्रमाण में बढ गया है.
नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने सरकार से गैरकानूनी क्रिकेट सट्टा व ऑनलाइन गैंबलिंग पर जल्द से जल्द रोक लगाने की गुजारिश की. व्यापारियों को भी चेताया कि हर गैंबलिंग एप सॉफ्टवेयर ड्रिवेन होते है, जिसमें लगाने वाले का ही पैसा जाता है, इसलिए व्यापारी खुद और अपने परिवार को इससे दूर रखें.
चेंबर ने पुलिस प्रशासन को भी विभिन्न कानूनों जैसे गैंबलिंग एक्ट, कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019, कंज्यूमर प्रोटेक्शन (ई-कॉमर्स) रूल्स 2020, एक्ट आदि के तहत कारवाई करें.
चेंबर ने केन्द्र सरकार से निवेदन किया कि गैरकानूनी सट्टे, क्रिकेट सट्टे तथा गैर कानूनी ऑनलाइन व ऑफलाइन गैंबलिंग को पी.एम.एल.ए (मनी लॉन्ड्रिंग) के तहत शेड्यूल क्राइम में शामिल करें.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष गोविंद पसारी, पूर्व अध्यक्ष सीए कैलाश जोगानी, सचिव तरुण निर्बाण, कोषाध्यक्ष वसंत पालीवाल, उपाध्यक्ष विजय जायसवाल, पूर्व अध्यक्ष विष्णु कुमार पचेरीवाला, महेंद्र कटारिया, सह सचिव विवेक मुरारका, पुरुषोत्तम ठाकरे, निखिल काकाणी, लक्ष्मीकांत अग्रवाल, विपिन पनपालिया, प्रशांत जग्यासी उपस्थित थे.