शहर के नामी उद्यमियों पर आयकर विभाग की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। मुंबई से आई आयकर विभाग की टीम अब भी नागपुर में डटी हुई है। इस कार्रवाई में कई करोड़ रुपए की नगदी बरामद होने की जानकारी सामने आ रही है। आयकर विभाग के अधिकारी प्रापर्टी के साथ ही अन्य दस्तावेज को भी खंगाल रहे हैं।
गुरुवार को भी दिन भर कार्रवाई जारी रही। सूत्रों से पता चला है कि शुक्रवार को भी यह कार्रवाई जारी रहने वाली है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की नजर इनसे जुड़े अन्य लोगों पर भी है। इस मामले में जांच का दायरा आगे भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि नागपुर के आयकर अधिकारी इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। उनके अनुसार इस कार्रवाई को मुंबई की टीम ने अंजाम दिया है।
आयकर विभाग की टीम गुरुवार को भी एल7 ग्रुप के रवि अग्रवाल के कई ठिकानों की जांच में जुटी रही। जांच में कई संदेहास्पद दस्तावेज मिलने की जानकारी सामने आ रही है।
11 लोगों के 20 से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई
कार्रवाई हवाला और डिब्बा व्यापारियों पर की जा रही है. 11 लोगों के 20 से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई व्यापारियों के निवास और कार्यालयों में की जा रही है. इस बीच खबर है कि नागपुर के अनेक आयकर अधिकारी रवि के छत्तरपुर फॉर्म में भी पहुंचे हैं. जिन व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें रवि अग्रवाल, शैलेष लखोटिया, पारस जैन, लाला जैन, करण थावरानी, प्यारे खान, गोपी मालू, अक्षद लुणावत, हेमंत तन्ना, इजराइल सेठ और सीए रवि वानखेड़े शामिल हैं.
कोलकाता में है नॉन बैंकिंग फायनान्स कंपनी
सूत्रों ने बताया कि रवि अग्रवाल की नॉन फायनान्शियल कंपनी (एनबीएफसी) कोलकाता में है. इस ‘शेल’ कंपनी के करोड़ों रुपयों के ट्रांजेक्शन की जानकारी आयकर विभाग को मिली है. आयकर अधिकारियों को संदेह है कि रवि नागपुर में बैठकर लोगों को 3 से 4 फीसदी दर पर फाइनान्स करता था. इस माध्यम से उसके जाल में अनेक प्रतिष्ठित लोग आए हैं.
उसके एफबीएफसी का पता मुंबई का है, जबकि कंपनी के काम कोलकाता से चलते हैं. बताया जाता है कि रवि अग्रवाल के जाल में शहर के अनेक बिल्डर भी आ चुके हैं. इसके अलावा रवि अग्रवाल के छत्तरपुर फॉर्म में अनेक करोड़पति, बड़े अधिकारी, बुकी और कुछ व्यापारियों ने विला खरीदा है. उनके नाम भी रडार पर आ गए हैं.