प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार ने ‘न्यू इंडिया’ का सपना देखा है और ‘डिजिटल इंडिया’ एवं ‘इंडिया स्टैक’ जैसे कार्यक्रम भी चला रही है. हर आम आदमी की पहुंच फाइनेंस तक हो और लोगों के हाथ में पैसा पहुंचे इसके लिए सरकार का जोर वित्तीय समावेशन पर भी है. अब एक कंपनी पीएम मोदी के इसी सपने में हर साल 100 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी.
ग्रोथ-इक्विटी इंवेस्टर कंपनी जनरल अटलांटिक अगले कुछ साल तक भारत में हर साल एक अरब डॉलर का निवेश करेगी. कंपनी का फोकस मोदी सरकार के फाइनेंशियल इंक्लूजन और टेक्नोलॉजी यूज बढ़ाने की पॉलिसी एवं उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने पर है.
देश को अफॉर्डेबल इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत
जनरल एटलांटिक के मैनेजिंग डायरेक्टर और इंडिया हेड शांतनु रस्तोगी का कहना है कि हम लगातार सरकार के बड़े नीतिगत निर्णयों पर नजर रखे हुए हैं, जो देश में सर्विस और प्रोडक्ट्स के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर दे रही है. वित्तीय समावेशन के लिए अफॉर्डेबल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अफॉर्डेबल सप्लाई और अफॉर्डेबल डाटा भी जरूरी है. ये आने वाले समय की बड़ी जरूरत हैं.
हाल के सालों में जनरल अटलांटिक ने भारत और दक्षिण एशियाई देशों में अपना निवेश बढ़ाया है. कंपनी हर साल 50 करोड़ डॉलर से लेकर 120 करोड़ डॉलर तक का वार्षिक निवेश कर रही है. कंपनी ने बीते 20 साल में भारत में 460 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. कंपनी दुनियाभर में 7100 करोड़ डॉलर के एसेट मैनेज करती है.
फोनपे जैसी कंपनी में लगा रखा है पैसा
जनरल अटलांटिक ने भारत में फोनपे जैसी डिजिटल पेमेंट कंपनी में भी निवेश किया है. फोनपे का दावा है कि उसके पास देशभर में 45 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. फोनपे वालमार्ट के मालिकाना हक वाली कंपनी है. जबकि हेल्थकेयर सेक्टर में जनरल अटलांटिक ने एएसजी आई हॉस्पिटल और केआईएमएस हॉस्पिटल्स में निवेश किया है.
रस्तोगी का कहना है कि अब भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है. खासकर के मेडिकल डिवाइस बनाने और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बनाने में. आने वाले दिनों में कंपनी इस सेक्टर में भी निवेश कर सकती है.