संजय राउत हमारी पार्टी को लेकर चूं-चपड़ ना करें. अगर हम उनकी पार्टी को लेकर यह कहें कि उद्धव ठाकरे तो यूं ही कार्यकारी अध्यक्ष हैं, असल में तो संजय राउत की ही चलती है, यह कहना ठीक होगा क्या? उन्हें दूसरी पार्टियों को लेकर बकबक करने की जरूरत नहीं है. हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 मराठी से बात करते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आज (बुधवार, 3 मई) संजय राउत को यह चेतावनी दी. संजय राउत ने शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने के ऐलान के बाद इस खबर की तुलना कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से की थी. संजय राउत ने कहा था कि, ‘शरद पवार ने सिर्फ एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही है. उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान नहीं किया है. वे बड़े नेता हैं. जैसे कांग्रेस में भले ही मल्लिकार्जुन खरगे अध्यक्ष हों, लेकिन फैसले राहुल गांधी ही लेते हैं. उसी तरह आगे भी एनसीपी के फैसले शरद पवार की मर्जी से ही तय होंगे’.
इस पर नाना पटोले ने कहा था कि, ‘संजय राउत कांग्रेस पार्टी के नहीं हैं. इसलिए उन्हें कांग्रेस पर राय देने का कोई हक नहीं है. क्यों बे वजह वे दूसरों की पार्टी को लेकर चूं-चपड़ करते रहते हैं? अगर ऐसी ही बात उद्धव ठाकरे के बारे में कहा जाए कि वे तो यूं ही शिवसेना पार्टी प्रमुख हैं. सारे फैसले तो संजय राउत लेते हैं, तो क्या यह ठीक होगा?’
इसके बाद जब आज एक पत्रकार ने संजय राउत से पूछा कि वे नाना पटोले के इस बयान पर क्या कहेंगे, तो संजय राउत ने कहा कि ‘रहने दें ना नाना पटोले को. उन्हें इतनी गंभीरता से क्यों लेते हैं? कांग्रेस पार्टी उन्हें गंभीरता से नहीं लेती. उनसे ज्यादा मेरी राहुल गांधी से बात होती है.’ संजय राउत आज कर्नाटक के सीमावर्ती भाग बेलगामी के खालापुर में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए रोड शो कर रहे हैं. वहीं उन्होंंने यह जवाब दिया.
पवार से भी उलझ चुके हैं राउत
बता दें कि इससे पहले अजित पवार भी संजय राउत को नसीहत दे चुके हैं कि वे ठाकरे गुट के प्रवक्ता हैं. एनसीपी के प्रवक्ता ना बनें. तब संजय राउत ने कहा था कि बीजेपी एनसीपी के नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेसियों का दबाव डाल कर पार्टी में शिवसेना की तरह फूट डालने की कोशिश कर रही है.