जब बात चाचा की आई तो भतीजे ने भाई से मतभेद भुलाकर वही लाइन पकड़ी जो चचेरे भाई की है. राज ठाकरे ने बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील को खरी-खरी सुना दी है. चंद्रकांत पाटील ने बाबरी गिराने में बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना के योगदान को नकारा था और कहा था कि यह आंदोलन विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में किया गया था और इस काम को अंजाम देने में इसके वीएचपी के अलावा बजरंग दल और दुर्गावाहिनी के कार्यकर्ताओं का योगदान था. जब बाबरी गिरी तब वहां शिवसैनिक नहीं थे. इस बयान के लिए उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे से चंद्रकात पाटील के इस्तीफे की मांग की है.
वरना सीएम एकनाथ शिंदे से कहा है कि वे अगर ऐसा नहीं कर सकते तो बालासाहेब ठाकरे का अपमान लाचारी से बर्दाश्त करने के एवज में खुद इस्तीफा दें और आज के बाद कभी बालासाहेब ठाकरे का नाम ना लें. इसमें राज ठाकरे कहते हैं कि, ‘दोपहर का वक्त था. उस समय बाबरी गिराई गई थी. डेढ़-दो घंटे में एक न्यूज पेपर की तरफ से बालासाहेब को फोन आया था. फोन करने वाला यह कह रहा था कि यहां कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है. बीजेपी के सुंदरलाल भंडारी कह रहे हैं कि यह बीजेपी के लोगों का काम नहीं है. हो सकता है शिवसैनिकों ने इस काम को अंजाम दिया हो. मैं उसी कमरे में था. उसी वक्त बालासाहेब ठाकरे ने कहा, अगर वे मेरे शिवसैनिक हैं तो मुझे उन पर अभिमान है.’ राज ठाकरे के मुताबिक उस वक्त जिम्मेदारी कबूल करना कितना अहम था, यह साफ होता है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने भी एक वीडियो शेयर कर चंद्रकांत पाटील के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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बालासाहाब की साख पर सवाल करने वालों पर एमएनएस का वार
इस तरह एमएनएस के हैंडस से शेयर किए गए ट्वीट में चंद्रकांत पाटील और बालासाहेब ठाकरे की भूमिका पर सवाल उठाने वालों को आगाह किया है कि वे ऐसा करने से पहले दस बार सोचें. एमएनएस के ट्वीट में लिखा है- अयोध्या रामजन्मभूमि आंदोलन में, बाबरी विध्वंस के बाद उठे धार्मिक उन्माद के दौर में जनता के लिए अभेद्य ढाल बनने वाले वंदनीय स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की साख और प्रतिष्ठा पर, उनके शौर्य पर, सवाल करने वालों राज ठाकरे के कहे इस प्रसंग को जरूर सुनें.