भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी प्रवर्तन निदेशालय, आयकर, खुफिया निदेशालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. आईआरएस अधिकारी नागरिक-केंद्रित कर सेवाएं प्रदान करने और प्रौद्योगिकी एवं सूचना-आधारित जांच प्रणाली को लागू करके करदाताओं के बीच स्वैच्छिक कर अनुपालन बढ़ाने में अनुशासन, अखंडता, विनम्रता, नैतिकता और प्रतिबद्धता के साथ कर प्रशासक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं. उक्त विचार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बुधवार को नागपुर में व्यक्त किए.
छिंदवाड़ा रोड, नागपुर स्थित राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 47 अधिकारियों तथा रॉयल भूतान सेवा के 2 अधिकारियों के 75वें बैच का प्रशिक्षण बुधवार को संपन्न हुआ. गुप्ता इसी मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. एनएडीटी के प्रधान महानिदेशक संजय पुरी और आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे.
नितिन गुप्ता ने बताया कि राजस्व संग्रह, जो वर्ष 1986 में भारतीय राजस्व सेवा में प्रवेश करते समय मात्र 7 हजार करोड़ था, आज वित्तीय वर्ष 2022-23 में 16 लाख 61 हजार करोड़ है, जो भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा कर संग्रह है. कर प्रशासन में ई-प्रशासन को शामिल करने से करदाता अब ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं और इस पोर्टल के माध्यम से 7.5 करोड़ से अधिक कर भुगतान किए जा रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि 31 जुलाई, 2022 को कर भुगतान के अंतिम दिन इस पोर्टल पर एक ही दिन में 72 लाख आयकर रिटर्न दाखिल किए गए.
गुप्ता ने कहा कि कर चोरी एक बहुत ही जटिल मुद्दा है और हम विश्वसनीय सूचना के आधार पर कर अनुपालन सुनिश्चित कर सकते हैं. आयकर खाता गैर-इनवेसिव तकनीकों जैसे फेसलेस मूल्यांकन, करदाताओं की आईएएस-वार्षिक सूचना प्रणाली, टीआईएस-करदाता सूचना प्रणाली के माध्यम से एक पारदर्शी कर सूचना प्रणाली विकसित कर रहा है और यह प्रणाली नागरिक-केंद्रित कर सेवा का पूरक बनने जा रही है. गुप्ता ने अपील की कि अधिकारी अपनी क्षमता निर्माण पर ध्यान दें और ‘आई-गॉट’ प्लेटफॉर्म से नए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी सीखें.
इस अवसर पर एनएडीटी के प्रधान महानिदेशक संजय पुरी ने बताया कि 75वें बैच के अधिकारियों को पहली बार फेसलेस असेसमेंट आॅफिसर के साथ-साथ न्यायिक मूल्यांकन अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि हम आॅन-द-जॉब प्रशिक्षण के माध्यम से इन अधिकारियों को कुशल अधिकारी बनाने का प्रयास जारी रखेंगे. एनएडीटी के अपर महानिदेशक मनीष कुमार ने प्रशिक्षु अधिकारियों को कर प्रशासक की शपथ दिलाई. प्रशिक्षण विभाग के अपर महानिदेशक बी.राव ने प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी.
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रशिक्षु अधिकारियों और उनके परिवारों के साथ-साथ आयकर विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया.
मित्तल और गोयल स्वर्ण पदक से सम्मानित
इस अवसर पर 75वीं बैच के आईआरएस अधिकारियों को प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न वितरित किए गए. 75वें बैच की प्रशिक्षु अधिकारी महक मित्तल को नितिन गुप्ता ने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए वित्त मंत्री के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया, इसी तरह 73वीं बैच के केशव गोयल को भी वित्त मंत्री के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया.
प्रशिक्षण में 11 विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य
इस प्रशिक्षण में अधिकारियों को आयकर अधिनियम, आॅडिट तकनीक, वित्तीय विवरण, अच्छे प्रशासन में नैतिकता, राजभाषा सहित 11 विषयों में उत्तीर्ण होना होता है और उन्हें कक्षा व्याख्यान, प्रदर्शन, राष्ट्रीय संगठन के अध्ययन दौरे के माध्यम से 16 महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है.