शहर के कृषि उपज बाजार समिति में तहसील के ग्रामीण अंचल से रोजाना बड़ी संख्या में किसान खेतों में कड़ी मेहनत और मशक्कत से उगाया हुआ अनाज,कपास आदि माल लेकर पहुंचते है,लेकिन यहां उनके खेत माल को उनके अपेक्षाकृत मूल्य नही मिलने से मजबूरन उन्हें अपनी आर्थिक जरूरत के हिसाब से अत्यल्प मूल्य पर अनाज कपास आदि बेचना पड़ता है। सूत्रों की माने तो कृषि उपज बाजार परिसर में बगैर लाइसेंस वाले क़ई अनाधिकृत व्यापारियों ने अपना डेरा जमा लिया है,वे किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनसे बेहद कम दरों ओर उनका माल खरीदते है। इन अनाधिकृत व्यापारी वर्ग की मनमानी न सिर्फ एपीएमसी के अंदर दिखाई देती बल्कि वे यहां छत्रपति शिवाजी चौक की सड़क पर शाम के समय भी कपास और अनाज से लदे ट्रैकों को घण्टो खड़े कर माल उतारते है। इन भारी वाहनों के यहाँ बेतरतीब तरीके से खड़े रहने से यातायात बाधित होता है। यह नजारा सप्ताह में क़ई बार देखने मिलता है। शहर पुलीस की अनदेखी की बदौलत क़ई अनाज व्यापारी इस रास्ते पर खड़े भारी वाहनों से अपनी फुर्सत और मनमानी के साथ माल खाली किया जाता है। शहर के सबसे व्यस्ततम चौक में यातायात को बेखौफ तरीके से बाधित करने वालो के खिलाफ दिग्रस शहर पुलीस क्यों खामोश है ये सवाल क़ई संदेह उत्पन्न कर रहा है।