किसानों को बोनस देने की मांग किसानों के साथ ही राजनीतिक पार्टियों के साथ ही विभिन्न संगठनों द्वारा की गई थी. जिसे लेकर नागपुर विधीमंडल के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री ने प्रति हेक्टर 15 हजार रु. बोनस देने की घोषण की थी. इस घोषणा को डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी अब तक शासन की ओर से कोई भी लिखित सूचना जारी नही की गई. जिसे लेकर किसानों में भ्रम निर्मित होने लगा. अंतत: 24 फरवरी को शासन के अन्न नागरी आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण विभाग ने धान उत्पादक किसानों को 2 हेक्टर की सीमा वाले किसानों को प्रति हेक्टर 15 हजार रु. बोनस देने का शासन निर्णय निर्गमित किया है. जिले के 1 लाख 51 हजार 194 पंजीकृत किसानों के बैंक खातों पर सीधी रकम जमा की जाएगी. जिले के साथ ही पूर्व विदर्भ तथा कोंकण में बड़े पैमाने पर धान की फसल ली जाती है. केंद्र शासन की आधारभूत कीमत योजना अंतर्गत राज्य में महाराष्ट्र स्टेट को आप. फेडरेशन के माध्यम से गोंदिया में जिला पणन अधिकारी कार्यालय व आदिवासी विकास महामंडल के उप अभिकर्ता संस्था द्वारा किसानों से धान खरीदी की जाती है. वर्तमान खरीफ मौसम के लिए केंद्र शासन द्वारा साधारण धान को 2040 रु. व अ श्रेणी धान को 2060 रु. प्रति क्विंटल गारंटी भाव घोषित किया गया. लेकिन गारंटी भाव की अपेक्षा धान उत्पादन का खर्च अधिक आने से तथा वर्तमान में हुई अतिवृष्टी व नैसर्गिक आपत्ती तथा कोरोना महामारी के प्रादुर्भाव के चलते धान उत्पादक किसान परेशानी में आ गया है. जिससे किसानों सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टियों व विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा धान उत्पादक किसानों को बोनस देने की मांग की गई थी.