नागपुर जिले की पारशिवनी तहसील अंर्तगत आने वाली गोंडेगांव कोलवासरी इन दिनों फिर से चर्चा में आ गई हैं, तथा इस बार किसी आंदोलन की वजह से नहीं, बल्की इस वासरी से कोयला भर कर जाने वाले ओव्हर लोड ट्रकों की वजह से हैं, जिसकों लेकर नागपुर ग्र्रामीण आरटीओं विभाग ने मौन साध लिया हैं.
वराडा-यसंभा सिमा पर गोंडेगांव कोलवासरी स्थापित की गई हैं.इस कोलवासरी में विविध कोयला खदानों से कोयला आता हैं, तथा विविध प्रकार की प्रक्रिया होने के बाद यह कोयला कोराडी थर्मल पावर स्टेशन 3 600 एमडब्लु बेवरीज नंबर 3 सहित अन्य स्थानों पर भेजा जाता हैं. इस कोल परिवहन प्रक्रिया में कोलवासरी एवं कोयला कोराडी थर्मल पावर स्टेशन के अधिकारियों की मिली भगत के कारण आरटीओं विभाग के नियमों की जमकर धज्जियां उडाई जाती हैं. इस कोल परिवहन प्रक्रिया में कोलवासरी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा समय समय पर ओव्हर लोड ट्रकों को कोयला कोराडी थर्मल पावर स्टेशन में भेजा जाता हैं. इस संदर्भ में महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कं.लि. के सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 10 फरवरी 2023 को बी सिप्ट में कुल 32 ट्रकों के द्वारा फास्ट वेंट के अनुसार 17 लाख 20 हजार 450 किलों कोयला संबंधित कंपनी में पहुंचाया गया, जिसमें खाली ट्रकों का वजन 5 लाख 44 हजार 340 किलों रहा. नेट वजन को लेकर जहां आंकडे 11 लाख 76 हजार 110 किलों रहा, तो वहीं पर एक्सपेक्टेड वेंट 11 लाख 74 हजार 700 किलों रहा हैं. इस क्रम में ध्यान देने योग्य तथ्य यह हैं,कि फास्ट वेट को लेकर मिले आंकडों के अनुसार सभी 32 ट्रकों का वजन 53 से 54 टन औैसतन रहा हैं. जबकि इन ट्रकों का फास्ट वेट 47 से 48 टन होना चाहिए था. इस क्रम में 11 फरवरी की सी सिप्ट में एवं 12 फरवरी की ए सिप्ट में भी लगभग यहीं स्थिती रही हैं. ज्ञात हो की कोराडी थर्मल पावर स्टेशन में कोयला पहुंचाने का कार्य रूद्रा ट्रान्सपोर्ट को दिया गया हैं.इस संदर्भ में आरटीओं विभाग के द्वारा उचित कार्यवाही की मांग स्थानीय ट्रक चालक-मालकों के द्वारा की गई हैं.