प्रकृति से विद्रोह कर धरती का सीना चीर कर प्रकृति के गर्भ में छिपे खनिज उत्खनन के लिए प्रयोग की जाने वाली बारूद की बढती त्रिवता के कारण वेकोलि कामठी उपक्षेत्र की तरह ही अब गोंडेगांव उपक्षेत्र के अंर्तगत आने वाली जुनीकामठी ग्रापं सीमा क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के घरों में ब्लास्टिंग के कारण भूकंप की झटके महसूस होने लगे हैं,जिससे नागरिकों की चिंता बढने लगी हैं.
पारशिवनी तहसील के अंर्तगत वेकोलि नागपुर एरिया के द्वारा संचालित दो उपक्षेत्र के अंर्तगत कोयला उत्खनन किया जाता हैं.जिसमें कामठी वेकोलि उपक्षेत्र अंर्तगत 4 नंबर दफाई,6 नंबर, हवामहल, माडीबाबा, बांदा दफाई का परिक्षेत्र आता हैं, जहां पर ब्लॉस्टिंग के कारण नागरिकों को काफी समय से परेशानी हो रही थी, जिसमें समय समय पर धरना आंदोलन करने के बाद भी किसी भी तरह का समाधान आज तक नहीं हो पाया हैं, जिसमें ब्लॉस्टिंग क्षेत्र में आने वाले नागरिकों को वेकोलि प्रबंधन के द्वारा कई बार नोटिस देने के बाद भी मामला जस का तस पडा हुआ हैं. वर्तमान समय में ब्लॉस्टिंग का नया क्षेत्र जुनीकामठी उभर कर आया हैं. जिसमें ब्लॉस्टिंग होने के कारण नागरिकों के घरों में दरारे पडने के साथ ही घरों में रखे समान भी गिरकर टुटने लगे हैं. इसी ब्लॉस्टिंग की वजह से जुनीकामठी निवासी संजय बालाजी घोत्रे के मकान में दरार आ गई, जिसके बाद दूसरे दिन हुई ब्लॉस्टिंग की वजह से दिवाल से सटे किचन का ओटा टूट गया, जिसमें कोई जनहानी तो नहीं हुई हैं, परंतु यदीं ओटा खाना बनाते समय टूटता तो शायद एक बडी जनहानी होने की पुरी संभावना थी.ज्ञात हो की जुनीकामठी में यह पहला मकान हैं, जिसमें ब्लास्टिंग की वजह से किचन का ओंटा टूटा हैं। तथा कई अन्य मकानों में दरारे पडने का क्रम शुरू हो गया हैं,तथा यहीं क्रम आने वाले समय तक यदीं जारी रहा तो वेकोलि गोंडेगांव प्रबंधन के सामने पुर्नवसन की समस्या तैयार होने की पुरी संभावना हैं. ज्ञात हो की कामठी उपक्षेत्र के नागरिक जिस तरह से भूकंप के साए में अपना जीवन पिछले कई वर्ष से जी रहें हैं, क्या यहीं जीवन जुनीकामठी ग्रापं के नागरिकों को भी आने वाले समय में जीना पडेंगा