महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के सिमा पर सिंदेवानी खुर्द गांव है। जुलाई माह में आई भारी बारिश के चलते सिंदेवानी गांव में जाने के मार्ग का पुलीया बह जाने से यातायात में अडथडा निर्माण हुआ। इस पुलीया का नये शिरे से निर्माण कार्य व मरम्मत के जुलाई माह से तिन बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन जानबूझकर इस गंभीर समस्या कि ओर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए आठ दिनों के भितर पुलीया कि मरम्मत नहीं किया तो ग्रामवासियों ने चक्का जाम आंदोलन करने कि चेतावनी एक विज्ञप्ति में दि है।
सावनेर से सिंदेवानी ग्राम 35 किलोमीटर दूरी पर है । इस ग्राम से मध्यप्रदेश के सिमा लगी हुई है। इस वर्ष की जुलाई माह में भारी बारिश आने से पुलीया पुरी तरह क्षतीग्रस्त होकर बह जाने से यातायात व्यवस्था लड़खड़ाई। किसानो को,एवं स्कुली छात्राओं को बाइक व अन्य साधनों से आना जाना मुश्किल हो रहा। जुलाई माह से जिप निर्माण विभाग, सामुदायिक निर्माण विभाग व ग्राम पंचायत को दो बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन ने ज्ञापन को कचरे के डिब्बे में डाल रखा। जिस कारणवश अभितक पुलीया की मरम्मत कार्य नहीं करने से ग्रामवासियों को एक किलोमीटर दूरी से आवागमन करना पड़ रहा है । शुक्रवार को आज फिर तिसरी बार ज्ञापन सौंपा गया। सिंदेवानी के ग्रामवासियों ने 25 नवंबर 22 को फिर तिसरी बार जिप निर्माण व सामुदायिक निर्माण विभाग को ज्ञापन सौंपा। आठ दिनों के भीतर पुलीया का निर्माण कार्य नहीं किया तो चक्काजाम आंदोलन कि चेतावनी सुखदेव कोहले,दिपंक गुरारिकर, उमेश बोबडे, सचिन गुरारिकर, आकाश ठाकरे, अंकुश डोंगरे, अमोल शेडे, नितीन शेडे ने दी है। चार माह में मौखिक व लिखीत स्वरूप में ग्रामवासियों ने ग्रामपंचायत के सचिव पंकज चाफले को ज्ञापन सौंपने के बावजूद आज तक पुलीया के मरम्मत करने का कार्य ग्रामपंचायत उचीत समझी नहीं। दो पार्टी के गांव में राजकारण आड़ा आने कि वजह से ही पुलीया कि मरम्मत नहीं कराई गई ऐसी गांव के लोगों में चर्चा है। जुलाई माह में पुलीया बहा। तभी से जिप निर्माण विभाग को पुलीया के मरम्मत व नये सिरे से पुलीया के निर्माण कार्य के पाठपुरावा लेखी फलस्वरूप उन्होंने भी पुलीया के निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव जिला परीषद को भेजा। प्रस्ताव मंजूरी के बावजूद निर्माण कार्य होगा मगर हाल ही में ग्रामपंचायत ने एक ठराव लेकर मरम्मत का कार्य दो दिनों में करने वाली है।
पंकज चाफले, ग्रामसेवक-सिंदेवानी ग्राम पंचायत