कुही तालुका के बानोर ग्रामपंचायत के उपसरपंच को अपात्र किया गया है। शहर के पास बनोर ग्राम पंचायत में पिछले कुछ दिनों से बदसलूकी चल रही है और जब इस संबंध में पूछताछ की गई तो जांच में अपराधी भी पाया गया. साथ ही जब ग्राम पंचायत के उप सरपंच कलेक्टर विजया बांकर ने 15वें वित्त आयोग के कोष से राशि निकासी की शिकायत कलेक्टर से की तो कलेक्टर विजया बांकर ने जांच के बाद ग्राम पंचायत के उप सरपंच मधुकर इस्तारी पाटिल को अपात्र घोषित कर दिया. ग्राम पंचायत बानौर के उपसरपंच मधुकर इस्तारी पाटिल ने जब कुल 174392 (एक लाख चौहत्तर हजार तीन सौ निन्यानवे रुपये) जमा किये तो ग्राम सतारा के समाजसेवी सुरेश भगेश्वर बोरकर ने जिला कलेक्टर से शिकायत की थी कि उप-सरपंच ने 15वें वित्त आयोग के तहत अपनी ही फुलशोभा संस्था के नाम से 15वें वित्त आयोग की निधि से पैसे निकाले हैं. न्यायालय का आदेश है कि एक ग्राम पंचायत उपसरपंच/सदस्य जो सदस्यता के योग्य नहीं है, इसलिए पूछताछ करने पर उपसरपंच ने बोरकर की शिकायत से पैसे ले लिए और यह सत्य पाया गया। उप सरपंच जांच के अंत में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सके तो कलेक्टरमहाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम, 1959 की धारा 14(1) (सी)16 के तहत उचित दलील पेश नहीं कर पाने पर कलेक्टर विजया बांकर द्वारा उप-सरपंच को अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में जिला कलेक्टर ने 27 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया है. उपसरपंच मधुकर इस्तारी पाटिल उपसरपंच / ग्राम पंचायत बानोर के सदस्य को महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1959 की धारा 14 (1) (सी) 16 के तहत स्वयं या अपने साथी के माध्यम से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका निभाने के लिए अयोग्य घोषित किया गया।