आय दिनो किसानो पर संकट पर संकट बरसते जा रहे है बे मौसम हुई बरसात से भारी मात्रा फसलो का नुकसान हुआ है। उसी प्रकार अच्छी फसल दिखाई देने पर मावा तुडतुडा रोगो का प्रभाव पड गया जिससे फसलो को खापी घाटा दिखाई दे रहा है। आज किसानो के सामने नई मुसीबत आखडी है जो पिछले कही दसको से चली आ रही है आज खेत ज्योतने के लिए बैल और नांगर की जगह आधुनिक खेती औजारो का इस्तमाल किया जा रहा है। ऐसे मे खेत मे ट्रॅक्टर थ्रेसर हार्वेस्टर और ऐसे बडे अवजारे कम समय में तेज गति से काम करके किसानो को फायदा पोहोचते है परंतु इस किसान के आधुनिक अवजारो को जाने के लिए खेत मे पांदण रास्ते की आवश्यकता रहती है। पर आज बहुतांश किसानो के खेत तक पांदन रस्ता नही होने की वजह से, जबतक खेत के आगे वाला किसान को पहिले खेती की मशागत करना पडता है अन्यथा उनके खेत मे ट्रॅक्टर से लगे अवजारे खेत मे पहुच नही पाती, या फिर खेत की फसल की कटाई करनी हो तो ,उसमे भी पांदण रस्ते के अभाव मे फसल कटाई यंत्र पोहोच नाही सकते। आज ग्रामीण क्षेत्र के किसानो के खेत में पांदन रस्ता के अभाव में बात बात पर झगडे उठते नजर आते है। खेत के पांदन रस्ते के लिए कही बार किसानो ने अपने क्षेत्र के ग्रामपंचायत से शिकायत की है किंतु अभी तक पर्याप्त मात्रा में पांदन रास्ते विकसित न होने की वजह से किसान अपनी फसल का पर्याप्त लाभ उठा नही पा रहा है। खेत के पांदन रस्ते के अभाव से किसानो को दो या तीन फसल लेना होतो उसे पडोसी किसान की रुकावत जो पांदन रास्ते की वजह से आती है इस बडी समस्या से उलजना पडता है। इस पर जनप्रतिनिधीद्वारा और प्रशासन मार्फत द्रोण द्वारा सर्वे करके हर छोटे बडे किसान के खेत में पांदन रस्ता तयार करने के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी योजना अंतर्गत किसानो के खेत के लिए रस्ता बनवाने की मांग किसानो द्वारा की गई है। जिससे किसानो को अधिक से अधिक फायदा पोहोचाने के लिए कोशिश करने की आवश्यकता है। जिससे किसानो को अपने समय अनुसार खेती की बिजा रोपण, फसल कटाई करने में राहुलयात प्राप्त हो।