तुमसर कस्बे में पिछले कई महीनों से घरकुल के लाभार्थी धन के अभाव में मायूस थे। केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के राज्य स्तर पर वित्तीय नियोजन के अनुकूल अनुवर्ती कार्रवाई नहीं होने के कारण नगर परिषद तुमसर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसमें शहर में विपक्ष ने बेवफाई की राजनीति को दबा दिया था। पिछले कई महीनों से जिले के पूर्व मेयर पटोले के म्हाडा को लगातार लिखित पत्राचार के साथ-साथ विधान परिषद के सदस्य के 19 वें पत्र के माध्यम से, जो एक मास्टर स्ट्रोक था, राज्य सरकार ने आखिरकार प्रति लाभार्थी 60,000 रुपये के केंद्र के वित्तीय मील के पत्थर को नगर परिषद के खाते में डायवर्ट कर दिया है। इसलिए दीपावली के दौरान शहर में घरकुल हितग्राही खुश रहते हैं। पटोले ने बताया है कि 300 हितग्राहियों के लिए इस फंड की कुल राशि 1 करोड़ 80 लाख है और इसे 20 अक्टूबर को नगर परिषद के खाते में जमा कराया गया था।
प्रदीपजी पडोले ने इसका पूरा श्रेय फुके के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री को भी दिया है। शहर में इसका श्रेय लेने के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के असफल प्रयासों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पटोले ने केवल लाभार्थियों की खुशी पर संतोष व्यक्त किया है। केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही महाराष्ट्र राज्य को 780 करोड़ रुपये का घरकुला का भुगतान कर दिया था। समय पर चरणबद्ध तरीके से घरकुल निधि के भुगतान के नियम हैं क्योंकि यह एक गरीब कल्याण योजना है। हालांकि, राज्य ने पिछले पांच वर्षों से प्राप्त धन राशि के व्यय के संबंध में केंद्र सरकार को विनियोग प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था। इससे तुमसर नगर परिषद सहित राज्य में कहीं और घरकुल फंड को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इसी संदर्भ में पूर्व महापौर प्रदीप पटोले ने जिले सहित मंत्रालय में सैकड़ों पत्राचार, विभागीय व्यक्तिगत दौरे कर राज्य की देरी का संज्ञान दिलाया था। इससे परिणय फुके ने आखिरकार उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और म्हाडा के सिओ से मुलाकात करघरकुल मामले को उठाया है। इससे प्राप्त धन पर श्रेय लेने की राजनीति करने वाली राकांपा को करारा जवाब मिला है। केंद्र ने पहले ही राज्य को 60,000 रुपये का भुगतान कर दिया था। इसलिए राज्य सरकार ने तत्कालीन राज्य सरकार के दबाव में इसके लिए विनियोग प्रमाण पत्र जमा करने में छह महीने की देरी की थी।
पडोले ने स्पष्ट किया है कि तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार को किनारे किए बिना गरीब लाभार्थियों के अधिकारों का राजनीतिकरण करना गलत था क्योंकि यहां विपक्ष केंद्र के साथ आगे बढ़ने में असमर्थ था। इधर, भाजपा के सत्ता में आते ही घरकुल का मुद्दा आड़े आता है, वहीं लोगों को जनता के खिलाफ दोषियों के चेहरे की पहचान कर उन्हें जागरूक करने की जरूरत है।राज्य के उपमुख्यमंत्री और जिले के पालक मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 4 अक्टूबर को भंडारा में योजना समिति की बैठक में दिवाली से पहले घरकुल के रुके हुए फंड को जारी करने का वादा किया था। इस पर फुके का फॉलो-अप मूल्यवान रहा है। दीपावली की पूर्व संध्या पर तुमसर कस्बे के घरकुल हितग्राहियों को उनका उचित पैसा मिलेगा। गांव में चर्चा है कि राशि नगर परिषद के खाते में डायवर्ट कर दी गई है और भाजपा ने अपनी बात रखी है। प्रदेश सरकार का यह फैसला जरूरतमंदों के लिए दिवाली का वरदान साबित हुआ है।
संतुष्टि की खुशी पीछा करने वाले के लिए समस्या को हल करने के लिए पर्याप्त है। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि यह किस तरह से क्रेडिट प्राप्त करता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि लाभार्थियों को वह पैसा मिले जिसके वे हकदार हैं। केंद्र प्रायोजित आवास योजना के संबंध में तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार के वित्तीय कर्तव्यों के संतोषजनक नहीं होने के कारण लाभार्थियों को नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि, अब मुझे खुशी है कि बिना किसी भुगतान के कुछ दिनों के भीतर लाभार्थियों को वित्तीय चरण का भुगतान कर दिया जाएगा। प्रदीप पडोले, नगराध्यक्ष, नगर परिषद तुमसर