पारशिवनी तहसील के अंर्तगत आने वाली गोंडेगांव कोलवासरी का जिलाधिकारी डा. प्रवीण इटनकर के द्वारा औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें पिछले तीन साल से किसानों के द्वारा बताई जा रहीं समस्याओं को जिलाधिकारी के द्वारा सही पाया गया हैं.
गोंडेगांव कोलवासरी में ट्रकों से कोयला पहुंचाया जाता हैं,जहां पर कोयले की धुलाई करने के बाद कोयले को क्रसिंग कर कोयले को संबंधित ठिकानों में पहुंचाया जाता हैं. इस पुरी प्रक्रिया में बडे पैमाने पर कोयले का डस्ट एवं दूषित पानी बाहर निकलता हैं, जिसके कारण किसानों की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान होता हैं. जबकि कोयले के छोटे कणों से परिसर में रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न होने लगा हैं. इस आशय की शिकायत विधायक एड आशिष जायसवाल से की गई थी, जिसमें 21 सिंतबर 2022 को खनिकर्म मंत्री दादा भुसे के द्वारा वासरी का दौरा भी किया गया था. इसके बाद भी परिणाम ना निकलता देख वराडा गांव की सरपंच विद्या चिखले के द्वारा प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी प्रवीण इटनकर से की, साथ में वासरी के भीतर जाकर वासरी की प्रक्रिया में रोक लगा दी, परिणाम यह रहा कि, भारी मात्रा में पुलिस दल वासरी परिसर में जा पहुंचा. जिसके कारण पुलिस दल को दंगा नियत्रंक दल भी बुलाना पडा. वासरी परिसर में बढते तनाव को देखकर तहसीलदार प्रशांत संगोडे के द्वारा सरपंच एवं समर्थकों को समझाने का प्रयास किया गया, परंतु परिणाम ना निकलता देख शुक्रवार को सुबह 10 बजे जिलाधिकारी डा. प्रवीण इटनकर की अध्यक्षता में सरपंच एवं समर्थकों के साथ हुई चर्चा के बाद जिलाधिकारी वासरी जा पहुंचे, जहां पर वासरी प्रबंधन के अधिकारियों के हाथ पैर फुल गए. इसी बीच जिलाधिकारी के द्वारा किए गए निरीक्षण में किसानों के द्वारा लगाए जा रहें आरोप लगभग सहीं पाए गए हैं. इसकों लेकर आने वाले 1 नवंबर को वेकोलि अधिकारियों सहित महाराष्ट्र् प्रदुषण मंडल के अधिकारियों एवं कृषी विभाग सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों की उपस्थिती में बैठक का आयोजन किया गया हैं. जबकि किसानों के द्वारा सरपंच विद्या चिखले के नेतृत्व में किए गए आंदोलन में किसानों के साथ रामटेक एसडीओं वंदना सावरगते, तहसीलदार प्रशांत संगोडे, वेकोलि कामठी उपक्षेत्रीय प्रबंधक शरदकुमार दिक्षित, कन्हान थानेदार विलाश काडे सहित पटवारी भोसले आदि की उपस्थिती रहीं