ग्राम पंचायतो के तहत अस्थाई तौर पर कार्यरत ग्राम रोजगार सेवको की वर्षो से प्रलंबित मांग पर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. फलता शाशन व प्रशाशन का ध्यानाकर्ष करने आज 3 अक्टूबर को फिरसे महाराष्ट्र राज्य ग्राम रोजगार संगठन ने तहसील कार्यालय के समक्ष बैठकर एक दिवसीय काम बंद आंदोलन किया. इस तहसील में कुल 56 रोजगार सेवक विभिन्न पंचायत में कार्यरत है. वर्ष 2006 से कार्यरत यह रोजगार सेवक मात्र 0.75 प्रतिशत से 25 प्रतिशत कमिशन पर विगत 15 वर्षो से काम कर रहे है. यह सोचनीय है. अस्थाई तौर पर बिना वेतन के काम का कोई भविष्य नहीं है. उपर से हर पांच वर्ष बाद चुनाव बाद नई पंचायत कार्यकारिणी द्वारा दबाव, काम से कम करदेने जैसे अन्याय सहन करने पडते है. बीते वर्षो मे कई मर्तबा संगठन द्वारा मोर्चे, भूख हड़ताल आदि आंदोलन करने पर भी केवल आश्वाशन के आलावा कुछ हासिल नहीं हुआ.2 मई 2011 के शाशन निर्णय मुताबिक शाशकीय सेवा में समावेश, निश्चित मानधन राशि बेंको से प्रदान करना, वृद्ध रोजगार सेवक के परिजन को नियुक्त, विमा सुरक्षा का लाभ, तथा नियुक्ति व पदमुक्ति अधिकार सीईओ को देने. आदि मांग का समावेश है.