सड़क पर दुकान सजाकर फल सब्जी बेचने का काम करने वाले दुकान दार को हटाने का नोटिस नगर पालिका ने दिया, इसका विरोध करके उन्हे उसी जगह व्यवसाय करने देने की मांग वर्धा जिल्हा विकास आघाडी द्वारा की गई है। सड़क पर दुकान सजाकर फल सब्जी बेचने का काम कोरोणा संकट के समय से शुरू है। और उसी पर परिवार का उदारनिर्वाह होता है। बाल बच्चो की पढ़ाई और अन्य खर्च सब्जी फल बेचकर ही किया जाता है। इन दुकानदारों को नगर परिषद ने वो जगह खाली करने की ताकीद दी है। अब ये फुटपाथ के दुकानदार कहा जाएंगे, क्या करेंगे ये प्रश्न निर्माण हो गया है। इस की सुध लेकर अतिक्रमण हटाव को स्थगिती देकर इन जरूरत मंदो को रोजी रोटी कमाने से वंचित ना किया जाए ऐसी मांग वर्धा जिला विकास आघाडी द्वारा मुख्याधिकारी नगर परिषद हिंगणघाट को दिए ज्ञापन में की गई है। ज्ञापन देते वक्त मनीष कांबले, चारू आटे, जिवन उरकुडे, प्रदिप कोल्हे, धनंजय रघाटाटे, जावेद शेख, कैलास थुटकर, शारदा सातपुते, मिरा तराले, रवी तराले, यमूना मोहटे, आरती बोरकुटे, शाम बोरकुटे, सुनिता लाकडे, सिमा तितरे, रमेश तितरे, शंकर वरघने, सारग काटेकर, आशा सातघरे, वाहान सातघरे, सविता सोनेकर, माया सावरकर, मंदा उबले, उषा उघडे, अजय उघडे, निलेश शाहकारकर, चेतन महाजन, आकाश हरणे, नारायण देवतले, महेश हटवार, सरवर खान, देवीदास नाहरकर, धनराज चरडे, प्रकाश मुले, विष्णू कामडी, विजय खाटीक, विठ्ठल सातघरे, सविता सोनेकर, भावना खेडकर, भावना खडतकर, सविता सोनेकर, रमेश तडस इत्यादी दुकानदार उपस्थित थे।