नगर पालिका ने जैसे ही शहर की सीमा में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया, आम जनता में इसके खिलाफ गुस्सा है। भारतीय जनता पार्टी ने इसी प्रक्रिया पर अपना विरोध दर्ज कराया है। कर वृद्धि के खिलाफ प्रदीप पडोळेके नेतृत्व में सहायक कलेक्टर और प्रशासक बी वैष्णवी को ज्ञापन सौंपा गया। कोरोना काल में कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। नगर परिषद आम जनता की आर्थिक कमर को बढ़ाकर तोड़ने के लिए भी तैयार है जबकि हर जनता इससे उबरने की कोशिश कर रही है। यही वजह थी कि भाजपा ने प्रशासक कार्यालय का घेराव किया। नगर परिषद द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भाजपा ने प्रशासक बी वैष्णवी को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें कहा गया है कि हालांकि यह प्रशासनिक रूप से नियमों द्वारा शासित है, लेकिन यह फिलहाल सामाजिक-आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है। जिस वित्तीय वर्ष के लिए नगर परिषद ने प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का फैसला किया, क्या नाप प्रशासन ने उस वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के सरकारी मानदंडों का पालन किया? इतना गुस्सा भरा सवाल पटोले ने उठाया था। इसमें नगर परिषद ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी की है। इसलिए चूंकि यह नई अवधारणा वर्तमान में शहर के हित में नहीं है, इसलिए बयान में मांग की गई कि निर्णय को उलट दिया जाए और जनता को न्याय दिया जाए। इस दौरान भाजपा पदाधिकारिय पंकज बालपांडे, सचिन बोपचे, आशिष कुकडे, मुन्ना पुंडे, स्वप्नील मनगटे, शुभम मिश्रा, आशिष भुरे, पवन पाटील, कृष्णा पाटील, गणेश वंजारी, नितीन धांडे, महिला सेलचे कुंदा वैद्य, प्रीती मलेवार, अदिती बालपांडे, पल्लवी पाटील, वैशाली हिंगणे, अर्चना भुरे, प्रीती पाटील साथ ही अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।